हनुमानगढ़: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री (Hanumangarh Ethanol Factory Dispute) को लेकर बुधवार को किसानों की महापंचायत होगी. किसानों की इस महापंचायत में एथेनॉल फैक्ट्री पर आगे की रणनीति तय की जाएगी. धान मंडी में होने वाली महापंचायत को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. जानकारी के अनुसार, इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे. किसानों की महापंचायत को लेकर जिला प्रशासन ने भी बड़े लेवल पर तैयारी कर रखी है.
प्रशासन की बड़ी तैयारी
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह बैरिकेट्स लगाए गए हैं और करीब 1400 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. इसके अलावा एहतियातन बुधवार दोपहर 12 बजे तक पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही पूरे जिले में धारा 163 लागू है. संभाग के सभी जिलों से अतिरिक्त पुलिस अधिकारी और पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है. पुलिस मुख्यालय से भी अतिरिक्त बल बुलाया गया है. कलेक्टर खुशाल यादव ने महापंचायत में ट्रैक्टरों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है.
जिला कलेक्टर का कहना है कि भारी संख्या में ट्रैक्टर आने से अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है. वहीं किसानों का कहना है कि वे ट्रैक्टरों के साथ ही महापंचायत में पहुंचेंगे. किसानों ने तो चेतावनी दी है कि अगर ट्रैक्टरों को रोका गया तो वे चक्का जाम कर देंगे. हनुमानगढ़ के टिब्बी में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में हो रही महापंचायत में करीब 20 हजार किसानों के शामिल होने का अनुमान है.
फैक्ट्री का विरोध क्यों, फैक्ट्री से क्या फायदा?
- एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध कर किसानों का कहना है कि इससे इलाके में प्रदूषण बढ़ेगा.
- किसानों की मांग कि सरकार एथेनॉल फैक्ट्री से संबंधित एमओयू को रद्द करे.
- किसानों की प्रमुख मांग है कि उन पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं.
- फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि एथेनॉल निर्माण में पूरी तरह से ऑनलाइन मॉनिटरिंग रहेगी.
- किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलेगा, साथ ही क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा.
पहले कलेक्ट्रेट पर होनी थी महापंचायत
बता दें कि किसानों ने पहले कलेक्ट्रेट पर महापंचायत का ऐलान किया था. इस पर मंगलवार को किसानों को वार्ता के लिए न्योता दिया और फिर प्रशासन के साथ बातचीत में किसानों ने महापंचायत का फैसला नहीं बदला. बस कलेक्ट्रेट के बजाय धान मंडी में महापंचायत को राजी हुए. महापंचायत को सफल बनाने के लिए कई दिन से किसान संगठन तैयारियों में जुटे हुए हैं. वे घर-घर जाकर किसानों से संपर्क कर रहे और बड़ी संख्या में महापंचायत में आने की अपील कर रहे हैं. किसानों का स्पष्ट कहना है कि उनकी मुख्य मांग एथेनॉल फैक्ट्री को हटाने की है.
किसानों ने यह भी कहा है कि वे महापंचायत को पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित करना चाहते हैं, लेकिन यदि प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की बाधा डाली गई तो वे अपने अधिकारों की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे. किसानों ने 10 दिसंबर को टिब्बी में हुई हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील भी की है.
10 दिसंबर को क्या हुआ था?
बता दें कि 10 दिसंबर (बुधवार) को एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर आगे की रणनीति तय करने के लिए टिब्बी में SDM ऑफिस सामने महापंचायत बुलाई थी. फैक्ट्री से करीब 7 किमी दूर हुई महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान और आसपास के लोग पहुंचे. पंचायत के बाद उस दिन किसानों और ग्रामीणों ने निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री की ओर कूच का ऐलान किया. इस बीच जब पुलिस ने किसानों को रास्ते में रोकने की कोशिश की तो सभी किसान उग्र हो गए और बैरिकेड को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए.
इस दौरान फैक्ट्री के बाहर और अंदर खड़ी कई गाड़ियों का आग के हवाले कर दिया. साथ ही कई जगह ट्रैक्टर से फैक्ट्री की दीवार भी तोड़ दी गई. एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर विरोध के दौरान हुई हिंसक घटना में पुलिस के जवान समेत कई लोग घायल हुए थे. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 40 लोगों को हिरासत में लिया है.
इनपुट- मनीष शर्मा, हनुमानगढ़
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