केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने दिल्ली हाईकोर्ट को गुरुवार को आश्वासन दिया कि स्वयंभू आध्यात्मिक उपदेशक वीरेंद्र देव दीक्षित के ठिकाने का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. दीक्षित पर बलात्कार के आरोप लगाए गए हैं और वह कई वर्षों से फरार है. एजेंसी ने कहा कि दीक्षित के फार्म हाउस और आश्रमों पर छापेमारी की गई है. उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष दलों को गठित किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सीबीआई को चार हफ्ते में एक नयी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिसमें उसका पता लगाने के लिए एजेंसी की ओर से उठाए गए कदमों का ब्यौरा हो. सीबीआई ने 7 नवंबर को दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि यूट्यूब पर आरोपी की कई वीडियो उपलब्ध हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है; ताकि आरोपी का पता लगाया जा सके या उस शख्स को खोजा जा सके जिसने वीडियो अपलोड किए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, “ आरोपी वीरेंद्र देव दीक्षित के ठिकानों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए विभिन्न मुखबिरों/सूत्रों को लगाया गया है. उसकी मौजूदगी की सूचनाओं का सत्यापन किया जा रहा है. विभिन्न स्थानों पर निगरानी की जा रही है. उसके करीबी सहयोगियों के मोबाइल नंबर के सीडीआर का विश्लेषण भी किया जा रहा है इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा गया है। इनमें उसके छुपने के संभावित स्थान भी शामिल हैं.”
सीबीआई ने कहा कि इस बात की आशंका है कि दीक्षित देश से भाग गया है. उसने कहा कि दीक्षित के बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है. उसके नाम को सीबीआई के भगोड़े प्रकोष्ठ में भी भेजा गया है.
साल 2017 में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पारवरमेंट' ने वकील श्रवण कुमार के जरिए हाईकोर्ट का रुख कर आरोप लगाया था कि ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय' में कई नाबालिगों और महिलाओं को कैद किया गया है और उन्हें उनके माता-पिता से मिलने नहीं दिया जा रहा.
हाईकोर्ट ने तब सीबीआई को आश्रम के संस्थापक दीक्षित का पता लगाने के लिए कहा था और एजेंसी को आश्रम में लड़कियों और महिलाओं को कथित रूप से कैद रखने की जांच करने का निर्देश दिया था. आरोप है कि उन्हें कांटेदार तार से घिरे एक 'किले' में लोहे के दरवाजों के पीछे 'जानवरों जैसी' स्थितियों में रखा गया था.
हाईकोर्ट ने इससे पहले यहां रोहिणी में दीक्षित द्वारा स्थापित आश्रम में रहने वाली महिलाओं के कल्याण से संबंधित मामले में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किरण बेदी से सहायता मांगी थी.
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