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ऑफिस से निकली, पानी में पैदल चली... गुरुग्राम के महाजाम में 5 घंटे फंसी मोनिका की आपबीती

मोनिका ने 5-6 घंटे गुरुग्राम से नोएडा आने  वाली सड़क पर ट्रैफिक जाम में फंसे रहने और उस दौरान होने वाली तकलीफ को NDTV के सामने बयां किया. उन्होंने बताया कि गुरुग्राम से महिलपालपुर जाने वाला रास्ता पूरी तरह से पैक था. इस दौरान क्या कुछ सहा, मोनिका की जुबानी.

ऑफिस से निकली, पानी में पैदल चली... गुरुग्राम के महाजाम में 5 घंटे फंसी मोनिका की आपबीती
बारिश के बाद क्या था गुरुग्राम का हाल, जानें.
  • गुरुग्राम से नोएडा लौटने वाली मोनिका पाल को बारिश के कारण सड़कों पर पांच से छह घंटे तक फंसे रहना पड़ा.
  • तेज बारिश में सड़कें पानी से लबालब थीं और गड्ढे नजर नहीं आ रहे थे, जिससे ड्राइविंग में भारी दिक्कत हुई.
  • बाइक और स्कूटर सवार लोग अंडरपास में भरे पानी और बारिश की वजह से फंसे और कई वाहन खराब भी हुए.
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"सोमवार सुबह जब अपने घर से ऑफिस के लिए निकली तो सोचा था मौसम बहुत अच्छा है, टाइम पर घर लौट आऊंगी. लेकिन मुझे कहां पता था कि बारिश इस कदर कहर बरपाएगी कि गुरुग्राम दफ्तर से नोएडा में अपने घर तक लौटना इतना मुश्किल हो जाएगा. टूटी सड़कें, जगह-जगह पानी, और पानी में झूलती मेरी कार. सड़कें इस कदर लबालब थीं कि समझ ही नहीं आ रहा था कि पानी कहां है और गड्ढे कहां हैं. बारिश का हाल देखकर मैं 4 बजे ही ऑफिस से घर के लिए निकल गई थी लेकिन फिर भी करीब 5-6 घंटे तक बारिश में सड़क पर ही फंसी रही." ये आपबीती है गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करने वाली मोनिका पाल की.

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कहां गड्ढे थे पता ही नहीं था. गाड़ियां रेंग रही थीं

मोनिका ने 5-6 घंटे गुरुग्राम से नोएडा आने  वाली सड़क पर ट्रैफिक जाम में फंसे रहने और उस दौरान होने वाली तकलीफ को  NDTV के सामने बयां किया. उन्होंने बताया कि गुरुग्राम से महिलपालपुर जाने वाला रास्ता पूरी तरह से पैक था. सड़क पर सिर्फ कारें, बाइकें और दूसरे वाहन ही दिखाई दे रहे थे. ये वाहन ऐसे आगे बढ़ रहे थे, जैसे रेंग रहे हों. क्योंकि सड़क पर आगे बढ़ने का जगह थी ही नहीं. ट्रैफिक इतना ज्यादा था कि रास्ते में खड़े रहने के अलावा कोई और विकल्प था ही नहीं.

गुरुग्राम से नोएडा आने में 5 घंटे लगे

इसीलिए गुरुग्राम से नोएडा पहुंचते-पहुंचते उनकी हालत खराब हो गई. उनको बहुत परेशानी हो रही थी. क्यों कि सड़कें पानी से लबालब थीं. कार काफी हद तक पानी में डूब गई थी. डर लग रहा था कि कोई हादसा न हो जाए, क्योंकि गड्ढे कहां हैं ये देख पाना नामुमकिन था. 

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डर लग रहा था कि हादसा न हो जाए

मोनिका ने सड़क का हाल बयां करते हुए कहा कि ईश्वर का शुक्र है कि वह कार के भीतर थीं तो भीगी नहीं और न ही दूसरी परेशानियां उनको झेलनी पड़ी. इस दौरान उनके सबसे ज्यादा तकलीफ उन लोगों को देखकर हो रही थी जो बाइक और स्कूटरों पर सवार थे. एक तरफ अंडरपास में पानी भरा था तो दूसरी तरफ आसमान से आफत बरस रही थी यानी कि तेज बारिश हो रही थी. ऐसे में वे लोग अंडरपास के पास ही बाइकें रोककर खड़े हो गए. कई लोगों के वाहन तो पानी में फंसकर खराब तक हो गए. तेज बारिश में उनकी मदद करने वाला भी को नहीं था. 

सोहना रोड से सुभाष चौक तक पैदल आना पड़ा

 मोनिका ने बताया कि उनको तो बहुत परेशानी झलनी पड़ी. उनको सोहना रोड से सुभाष चौक तक तेज बारिश और सड़क पर भरे गंदे पानी में पैदल चलकर जाना पड़ा क्योंकि वाहन घंटों से वहां फंसे थे और आगे बढ़ ही नहीं पा रहे थे.

घर आधे घंटे की दूरी पर था, पहुंचने में 3 घंटे लगे

कंपनी में ही काम करने वाली समीक्षा ऑफिस से आधा घंटे की दूरी पर यानी कि गुरुग्राम में ही रहती हैं. इसके बावजूद उनको घर पहुंचने में 3 घंटे लगे. वजह वही जाम और सड़कों पर भरा पानी. वह 6 बजे दफ्तर से निकलीं और करीब 9 बजे घर पर पहुंचीं.  
 

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