पार्टी अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली MCD में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाना चाहते हैं...
- 10 साल से एमसीडी पर शासन कर रही है बीजेपी
- एमसीडी को लेकर 'आप' से होती रही है तकरार
- जनता के असंतोष को दूर करने के लिए अपनाई नई रणनीति
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नई दिल्ली:
विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने अब अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है. पार्टी नेता इसे लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं. वास्तव में बीजेपी आम आदमी पार्टी को कोई मौका नहीं देना चाहती और इसके लिए वह हरसंभव प्रयास कर रही है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी की नई रणनीति पर गौर करें, तो वह वर्तमान पार्षदों के टिकट काटने पर विचार कर रही है और उनकी जगह नए और युवा चेहरों को उतारा जाएगा. पिछले 10 साल से नगर निगम की सत्ता पर काबिज बीजेपी तीसरी बार भी मौके की तलाश में है और इसे किसी भी हालत में हाथ से जाने नहीं देना चाहती. इसी सिलसिले में मंगलवार को वर्तमान पार्षदों की बैठक भी बुलाई गई है.
जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से एमसीडी और उसमें तकरार होती रही है. आम आदमी पार्टी समय-समय पर बीजेपी शासित एमसीडी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाती रही है. ऐसे में बीजेपी ने साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने का फैसला का है. दो दिन पहले वेंकया नायडू और दिल्ली बीजेपी के नेतृत्व के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि वर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं उनके रिश्तेदारों को भी इसका मौका नहीं दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा पार्षदों के प्रति लोगों की नाराजगी से निपटा जा सके. गौरतलब है कि पिछले बीजेपी दस साल से दिल्ली नगर निगम की सत्ता में है और वह तीसरी बार भी इसे हासिल करना चाहती है.
वर्तमान स्थिति पर नजर डालें, तो फिलहाल तीनों नगर निगमों की 272 सीटों में से बीजेपी के पास 139 सीटें हैं. उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगम बीजेपी के पास हैं. ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इस पर नजर रखे हुए हैं. दिल्ली में नगर निगम चुनाव के मद्देनजर अमित शाह से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को 19 मार्च को रामलीला मैदान में बुलाया गया है. पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को न्योता भेजा है जिन्हें बूथ स्तर की जिम्मेदारी दी गई है.
दिल्ली में मुकाबला कांटे का हो सकता है, क्योंकि विरोधी आम आदमी पार्टी भी कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती. वैसे भी उसे पंजाब और गोवा में निराशा हाथ लगी है. ऐसे में अब उसका पूरा ध्यान दिल्ली पर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा भी था कि आगामी निगम चुनाव में यदि आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो वह दिल्ली को लंदन जैसा बना देंगे. उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार ने दिल्ली में दो वर्षों में जितना काम किया है उतना भाजपा 10-15 वर्षों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नहीं कर पाई.
जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से एमसीडी और उसमें तकरार होती रही है. आम आदमी पार्टी समय-समय पर बीजेपी शासित एमसीडी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाती रही है. ऐसे में बीजेपी ने साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने का फैसला का है. दो दिन पहले वेंकया नायडू और दिल्ली बीजेपी के नेतृत्व के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि वर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं उनके रिश्तेदारों को भी इसका मौका नहीं दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा पार्षदों के प्रति लोगों की नाराजगी से निपटा जा सके. गौरतलब है कि पिछले बीजेपी दस साल से दिल्ली नगर निगम की सत्ता में है और वह तीसरी बार भी इसे हासिल करना चाहती है.
वर्तमान स्थिति पर नजर डालें, तो फिलहाल तीनों नगर निगमों की 272 सीटों में से बीजेपी के पास 139 सीटें हैं. उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगम बीजेपी के पास हैं. ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इस पर नजर रखे हुए हैं. दिल्ली में नगर निगम चुनाव के मद्देनजर अमित शाह से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को 19 मार्च को रामलीला मैदान में बुलाया गया है. पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को न्योता भेजा है जिन्हें बूथ स्तर की जिम्मेदारी दी गई है.
दिल्ली में मुकाबला कांटे का हो सकता है, क्योंकि विरोधी आम आदमी पार्टी भी कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती. वैसे भी उसे पंजाब और गोवा में निराशा हाथ लगी है. ऐसे में अब उसका पूरा ध्यान दिल्ली पर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा भी था कि आगामी निगम चुनाव में यदि आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो वह दिल्ली को लंदन जैसा बना देंगे. उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार ने दिल्ली में दो वर्षों में जितना काम किया है उतना भाजपा 10-15 वर्षों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नहीं कर पाई.
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