प्रतीकात्मक फोटो.
- दिल्ली निवासी राजेश जैन की पांच जनवरी 2014 को मौत हुई थी
- हरियाणा के समलखा में एक ट्रक ने कार को पीछे से टक्कर मारी थी
- ड्राइवर के लापरवाही से ट्रक चलाने के कारण दुर्घटना हुई
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नई दिल्ली:
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2014 में हरियाणा में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक कारोबारी के परिजन को 1.22 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी अमित बंसल ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन के बीमाकर्ता इफको-टोक्यो जनरल इंश्यारेंस कंपनी लिमिटेड को मृतक के परिवार को 1,22,44,374 रुपये भुगतान करने का निर्देश दिया. इसमें 89,05,000 रुपये मुआवजा और 33,39,374 रुपये ब्याज है.
न्यायाधिकरण ने दिल्ली निवासी राजेश जैन के परिवार को मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया. अपनी फैक्टरी से लौटते वक्त पांच जनवरी 2014 को जैन दुर्घटना का शिकार हो गए थे. जैन की पत्नी की शिकायत के मुताबिक हरियाणा के समलखा में एक ट्रक ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी.
VIDEO : नए मोटर विधेयक को मंजूरी
न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों पक्षों की बहस और रिकॉर्ड पर रखे गए सबूत के मद्देनजर साबित होता है कि लापरवाही से ट्रक चला रहे ड्राइवर के कारण दुर्घटना हुई. मृतक के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और उनके अभिभावक हैं. आरोपी ट्रक ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होने के तथ्य पर विचार करते हुए न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने का आदेश दिया.
(इनपुट भाषा से)
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी अमित बंसल ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन के बीमाकर्ता इफको-टोक्यो जनरल इंश्यारेंस कंपनी लिमिटेड को मृतक के परिवार को 1,22,44,374 रुपये भुगतान करने का निर्देश दिया. इसमें 89,05,000 रुपये मुआवजा और 33,39,374 रुपये ब्याज है.
न्यायाधिकरण ने दिल्ली निवासी राजेश जैन के परिवार को मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया. अपनी फैक्टरी से लौटते वक्त पांच जनवरी 2014 को जैन दुर्घटना का शिकार हो गए थे. जैन की पत्नी की शिकायत के मुताबिक हरियाणा के समलखा में एक ट्रक ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी.
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न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों पक्षों की बहस और रिकॉर्ड पर रखे गए सबूत के मद्देनजर साबित होता है कि लापरवाही से ट्रक चला रहे ड्राइवर के कारण दुर्घटना हुई. मृतक के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और उनके अभिभावक हैं. आरोपी ट्रक ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होने के तथ्य पर विचार करते हुए न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने का आदेश दिया.
(इनपुट भाषा से)
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