मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में गिरफ्तार एक बिचौलिए सुषेन मोहन गुप्ता को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. ईडी ने आरोपी की 14 दिन की रिमांड मांगी. कोर्ट ने आरोपी सुषेन मोहन गुप्ता को चार दिन की ईडी की रिमांड में भेज दिया है.
ईडी ने कोर्ट से कहा कि अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचैलियों को जो घूस दी गई, उसमें करीब 100 करोड़ रुपये एक कंपनी इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गए. ये काम गौतम खेतान और सुषेन मोहन गुप्ता ने किया. दुबई से पकड़े गए आरोपी राजीव सक्सेना के पास से दो डायरी, कई दस्तावेज और एक पेन ड्राइव मिली. उसमें सुषेन मोहन गुप्ता से जुड़ी कई जानकारियां और सबूत मिले. आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना ने भी अपने बयान में सुषेन मोहन गुप्ता का नाम लिया. सुषेन को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया और जो सबूत मिले हैं उनको सामने रखकर पूछताछ हुई तो सुषेन ने सबूतों को लेकर कोई सीधा जवाब नहीं नहीं दिया. ईडी ने कहा ऐसे में सुषेन गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है.
सुषेन मोहन गुप्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि सुषेन से पहले 20 बार पूछताछ हो चुकी है. वो जांच में पूरा सहयोग कर रहा है. सुषेन ने सब पहले ही बता दिया है. ऐसे में हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी सुषेन मोहन गुप्ता को चार दिन की ईडी की रिमांड में भेज दिया.
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