कोरोना महामारी को भला कौन भूल सकता है? हम सभी ने देखा कि लोग कैसे अपनी जान बचाने के लिए परेशान थे, ठीक उसी समय देश के कुछ भ्रष्ट्र अधिकारी सरकार की आंखों में धूल झोंक कर अपनी जेब भर रहे थे. ACB ने एक ऐसे अधिकारी का पर्दफाश किया है, जिनके बारे में जानने के बाद आप पूरी तरह से हैरान हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल के दौरान पीडब्लूडी के एक अधिकारी पर 200 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का आरोप है. इस मामले में एसीबी ने रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी) और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है.
बिना काम करवाए पैसे दिए
ACB ने आरोप लगाया है कि PWD अधिकारी ने बिना काम करवाए ही फर्जी का बिल बनाया और करोड़ों रुपये प्राइवेट फर्म को दे दिए. एसीबी ने कहा, पैसों के लालच ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इन प्राइवेट फर्म के फर्जी बिलों को पास कर दिया.जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने ये कार्रवाई की है.
गिरफ्तार आरोपी रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी एडीजी अनिल कुमार आहूजा ने अपने कार्यकाल में 10 आरोपी कंपनियों को 56 को गलत तरीके से टेंडर जारी किए. ये तमाम कंपनियां और ठेकेदार काम के लिए खरीदे गए सामान के बिल मुहैया नहीं कर पाए. ये सभी बिल काम पूरा होने के 4 से 6 महीने बाद बनवाये गए. बाद में जांच के दौरान पता चला कि कंपनियों द्वारा जारी किये गए बिल फर्जी थे यानी दिए गए टेंडर के लिए सामान खरीदा ही नहीं गया था.
रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी)अनिल कुमार आहूजा और एक प्राइवेट फर्म मैसर्स एवी एंटरप्राइज के बीच सवा करोड़ रुपये की ट्रांसजेक्शन ट्रैक की गई. एवी एंटरप्राइज ने 5 दिसंबर 2020 को अनिल कुमार आहूजा की बेटी के अकाउंट में भी 6 लाख रुपये ट्रांसफर किये हैं.
कुल 200 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा गया है
ACB ने इस घोटाले में अभी तक रिटायर्ड एडीजी अनिल कुमार आहूजा, मैसर्स एवी एंटरप्राइज के मालिक विनय कुमार और मैसर्स विवेक एसोसिएट्स के मालिक अक्षितिज़ विरमानी को गिरफ्तार किया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं