Amazon की अपने रिटेल बिजनेस के लिए पेमेंट के ऑप्शन के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी को जोड़ने की योजना नहीं है. हालांकि, Amazon के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) को बेचने की शुरुआत हो सकती है. कंपनी का कहना है कि NFT के बिजनेस में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है. NFT एक प्रकार का डिजिटल एसेट है जो ब्लॉकचेन पर होता है. इसकी लोकप्रियता पिछले वर्ष काफी बढ़ी थी. आर्टवर्क्स से जुड़े कुछ NFT लाखों डॉलर में बिके हैं.
CNBC को दिए इंटरव्यू में Amazon के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Andy Jassy ने कहा कि लंबी अवधि में क्रिप्टोकरेंसीज का बिजनेस और बड़ा होगा. हालांकि, Andy ने इसके साथ ही यह भी बताया कि उनके पास कोई बिटकॉइन नहीं है.
बहुत सी कंपनियों ने पेमेंट के लिए वर्चुअल करेंसीज को स्वीकार करना शुरू किया है. कुछ वर्ष पहले तक क्रिप्टोकरेंसीज को अधिक महत्व नहीं दिया जाता था लेकिन अब यह एक एसेट क्लास के तौर पर उभर रही है. पिछले वर्ष eBay ने अपने प्लेटफॉर्म पर कार्ड्स, इमेज या वीडियो क्लिप्स जैसे डिजिटल कलेक्टिबल्स के लिए NFT की बिक्री शुरू की थी. इसके साथ ही eBay ने कहा था कि वह पेमेंट के ऑप्शन के तौर पर क्रिप्टोकरेंसीज को स्वीकार करने की संभावना तलाश रही है.
Amazon का भारत में फ्यूचर ग्रुप में निवेश और उसे खरीदने को लेकर रिलायंस के साथ विवाद चल रहा है. इससे जुड़ा मामला मामला अदालत में भी पहुंचा है. अब इन कंपनियों के बीच इंडियन प्रीमयर लीग (IPL) के टेलिकास्ट राइट्स को लेकर मुकाबला हो सकता है. स्टार इंडिया ने 2022 तक IPL के डिजिटल और टीवी राइट्स के लिए 16,348 करोड़ रुपये दिए थे. इसका प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स के चैनलों और डिज्नी + हॉटस्टार पर हुआ था. पिछले सीजन में इस टूर्नामेंट की व्यूअरशिप 35 करोड़ दर्शकों तक पहुंच गई थी. Amazon और रिलायंस अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स मार्केट में भी कॉम्पिटिटर्स हैं. Amazon के पास प्राइम वीडियो है और रिलायंस अपने JioTV है के साथ एंटरटेनमेंट सेगमेंट में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा रिलायंस अपने ब्रॉडकास्टिंग जॉइंट वेंचर के लिए भी निवेशकों से लगभग 1.6 अरब डॉलर जुटाने को लेकर बातचीत कर रही है.