क्रिप्टो सेगमेंट में हैकिंग के मामले पिछले कुछ महीनों में बढ़े हैं. इनसे इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों के साथ ही इनवेस्टर्स को भी बड़ा नुकसान हुआ है. नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) के मार्केटप्लेस OpenSea ने यूजर्स को डिजिटल कलेक्टिबल्स की चोरी से बचाने के लिए अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है. OpenSea ने चोरी के सभी मामलों में पुलिस अधिकारियों की मदद लेने का फैसला किया है.
इसके साथ ही फर्म ने चोरी हुए आइटम्स की रिकवरी के बाद उनकी दोबारा बिक्री और खरीदारी को आसान बनाया है. ये बदलाव NFT कम्युनिटी से मिले फीडबैक के आधार पर किए गए हैं. OpenSea ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "चोरी हुए आइटम की रिपोर्ट देने वाले यूजर्स के लिए उस आइटम की रिकवरी होने पर दोबारा बिक्री या खरीदारी को हम आसान बना रहे हैं." फर्म ने यह स्वीकार किया है कि चोरी हुए NFT के कुछ मामलों में उनके अगले बायर्स या होल्डर्स के लिए कानूनी मुश्किलें होने के कारण फर्म पर यूजर्स का विश्वास कमजोर हुआ है.
OpenSea ने बताया, "अमेरिकी कानून के तहत कोई आइटम चोरी होने की जानकारी होने पर उसे बेचना या ट्रांसफर करना गलत है. अपने प्लेटफॉर्म पर चोरी हुए आइटम्स की बिक्री की अनुमति देकर हम चोरी को बढ़ावा नहीं देना चाहते. कुछ मामलों में बिना जानकारी के ऐसे आइटम्स खरीदने वालों पर जुर्माना लगा है. हमारे लिए यह एक बड़ी समस्या है. हम इससे निपटने के लिए यूजर्स के फीडबैक पर ध्यान दे रहे हैं."
10/ Beyond that, we are collaborating closely with ecosystem partners to help prevent and disincentivize theft, and building better education resources to help users stay safe in web3.
— OpenSea (@opensea) https://twitter.com/opensea/status/1557487559134957569?ref_src=twsrc%5Etfw">August 10, 2022
NFT में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यूनीक आइटम्स के टोकन्स को ऑथेंटिकेट किया जाता है जो दोबारा प्रोड्यूस किए जा सकने वाले डिजिटल एसेट्स से जुड़े होते हैं. इनमें आर्ट, म्यूजिक, इन-गेम आइटम्स और वीडियो शामिल हो सकते हैं. इनकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की जा सकती है लेकिन इन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता. इस सेगमेंट में कारोबार बढ़ने के साथ ही स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है. अमेरिका में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामलों का खुलासा हुआ है. इनमें कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है. इन मामलों से इस सेगमेंट में ट्रेडिंग को लेकर आशंका बढ़ी है. रेगुलेटर्स ने भी हैकिंग के मामले बढ़ने के कारण इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने पर जोर दिया है.
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