कई देशों में Crypto को मुख्य धारा की करेंसी के समान दर्जा दिया जा रहा है. भारत में भी सरकार ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन इंडस्ट्री के दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार के रुख से सहमत नहीं दिखाई दे रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के प्रतिनिधि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानि कि TDS को कम करवाना चाहते हैं. साल 2022-23 के लिए सरकार ने बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर 1% TDS लगाने का प्रावधान किया है. भारत में क्रिप्टो दिग्गज सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है, और वे इसे 0.01% से 0.05% की रेंज में लाना चाहते हैं. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के प्रतिनिधियों ने कहा है कि टीडीएस बहुत ज्यादा है, इससे निवेशक मार्केट से दूरी बनाना शुरू कर देंगे जिससे वॉल्यूम पर बहुत बुरा असर पड़ने वाला है.
भारत की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज्स में एक Unocoin के को-फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने एक ट्वीट के जरिए कहा, "आजकल मैं ऐसे ट्रेडर्स से मिल रहा हूं जो भारत में व्यापार करना केवल इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि वे सरकार द्वारा लगाए गए टीडीएस को झेल नहीं पा रहे हैं. इस तरीके से सरकार को राजस्व में कोई मुनाफा नहीं होने वाला है. यहां तक कि सरकार के लिए भी यह सारा खेल वॉल्यूम का ही है."
I am now a days meeting traders who are leaving India just because they cannot tolerate TDS. Govt is not going to achieve revenue this way. Even for Govt it should be a volume game. #reducecryptotax #faircryptotax Day-104 #IndiaWantsCrypto @Unocoin
— Sathvik Vishwanath (Unocoin) (@sathvikv) May 16, 2022
इस बीच, खबर है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस से जुड़े टैक्स सिस्टम को और कड़ा बनाने जा रही है. पिछले हफ्ते की रिपोर्ट्स मानें तो, भारतीय टैक्स अथॉरिटी क्रिप्टो गतिविधियों को 28% GST स्लैब के अंतर्गत डालना चाहती है. यह कैटिगरी सामान्यतया गैर जरूरी और लग्जरी एक्टिविटी जैसे सट्टा, जुआ और घुड़ दौड़ आदि के लिए बनाई गई है. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि 1 प्रतिशत टीडीएस लगाना रिटेल ट्रेडर्स के लिए ठीक नहीं है. इससे उन्होंने नुकसान होने वाला है.
पिछले हफ्ते ही CoinDCX की तरफ से भी इसी तरह का बयान सामने आया था जिसमें एक्सचेंज के सीईओ ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए 1 प्रतिशत टीडीएस को बहुत ज्यादा बताया था. CoinDCX के को-फाउंडर और सीईओ सुमित गुप्ता ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर सरकार 30% टैक्स ले रही है. यह बहुत ज्यादा है और इसे कम किया जाना चाहिए.
गुप्ता ने कहा, "इंडस्ट्री के स्तर पर हम सरकार से बात कर रहे हैं. इस संबंध में हमने सरकार के सामने एक प्रेजेंटेशन भी सब्मिट की है. प्रजेंटेशन में हमने बताया है कि कैसे क्रिप्टो इनकम पर लगने वाला 30% टैक्स और 1 प्रतिशत TDS क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए हानिकारक होने वाला है. यह ट्रेडर्स के लिए कैपिटल को लॉक कर देगा और मार्केट से लिक्विडिटी खत्म हो जाएगी. अगर मार्केट में लिक्विडिटी नहीं रहेगी तो रिटेल निवेशकों को नुकसान होगा."
2022-23 के बजट में सरकार ने क्रिप्टो से जुड़े टैक्स सिस्टम के बारे में काफी कुछ साफ कर दिया. सरकार ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर होने वाले प्रोफिट पर 30% टैक्स लागू कर दिया. यह टैक्स दर उतनी ही है जितनी कि लग्जरी ट्रेडिंग जैसे होर्स रेसिंग आदि पर लागू है.
1 अप्रैल से होर्स रेसिंग में जीतने या इसी तरह के अन्य ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है, इसके साथ सेस और सरचार्ज भी लागू है. इनमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है. इस बार के बजट में वर्चुअल करेंसी पर एक साल के अंदर 10 हजार के ऊपर किए ट्रांजैक्शन पर 1 प्रतिशत का टीडीएस भी प्रस्तावित है. टीडीएस का प्रावधान 1 जुलाई से लागू हो जाएगा. क्रिप्टो इंडस्ट्री इसे 1% से घटाकर 0.01% - 0.05% की रेंज में लाना चाहती है.
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