भारत ने एशिया के सिंगापुर और जापान को क्रिप्टो निवेश के मामले में पीछे छोड़ दिया है. क्रिप्टोकरेंसी की पॉपुलरिटी दुनिया के साथ-साथ एशिया में भी बढ़ती जा रही है. डिजिटल करेंसी का ये सेक्टर एशिया के देशों में तेजी से ग्रोथ कर रहा है. भारत, वियतनाम, चीन, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में क्रिप्टो होल्डिंग्स पिछले कुछ सालों में कई गुना बढ़ी हैं. एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि एशिया में लोग क्रिप्टो इनवेस्टमेंट में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं. Accenture ने इसके लिए एशिया में 3200 लोगों को लेकर एक सर्वे किया. रिपोर्ट में सामने आया कि जो लोग 10 लाख डॉलर (लगभग 7 करोड़ रुपये) तक पैसा रखते हैं, वे अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को आगे बढ़ाने के लिए वर्चुअल एसेट्स में निवेश कर रहे हैं.
रिपोर्ट कहती है कि थाईलैंड और इंडोनेशिया में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा डिजिटल एसेट्स को होल्ड करते हैं, जिसके बाद इंडिया, सिंगापुर और थाईलैंड का नम्बर आता है. एशिया में क्रिप्टो और एनएफटी होल्डिंग को दर्शाने वाले चार्ट में भारत का प्रतिशत 7 है. इस प्रतिशत के साथ भारत सिंगापुर, जापान और वियतनाम से क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के मामले में आगे निकल चुका है. इसमें सिंगापुर 6 प्रतिशत, जापान 3 प्रतिशत और वियतनाम 4 प्रतिशत होल्डिंग रखता है.
यहां पर यह भी बताया गया है कि एशिया में निवेशक औसतन अपनी संपत्ति का लगभग एक तिहाई (32 प्रतिशत) रिटेल डिपॉजिट अकाउंट्स और फिजिकल कैश के रूप में रखते हैं. रिसर्च कहती है कि ज्यादा इनवेस्टर्स क्रिप्टो सेक्टर में पैसा लगा सकते हैं, अगर उनके फाइनेंशिअल एडवाइजर उनको ऐसा करने की सलाह देते हैं.
एक ब्लॉग पोस्ट में Accenture ने कहा, "निवेशक किसी पूंजी फर्म से निवेश सलाह लेना पसंद करते हैं, बजाए कि वे सीधे किसी निवेश के बारे में सोचें. यहां पर निवेश करने का फैसला उनका होता है और पूंजी फर्म से वे अपनी संपत्ति का 40 प्रतिशत के लगभग निवेश करवाते हैं. "
इस सर्वे के कुल भाग लेने वाले लोगों में से 52 प्रतिशत एशियाई निवेशक पहले से ही क्रिप्टो संपत्ति को होल्ड करते हैं. इसमें क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी और डिजिटल एसेट्स के इनवेस्टमेंट फंड शामिल हैं. रिपोर्ट में आगे अनुमान लगाया गया है कि एशिया में जल्द ही क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट 21 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. फिलहाल, एशिया में क्रिप्टो मार्केट पांचवे सबसे बड़े एसेट क्लास के स्थान पर आता है. बावजूद इसके, 67 प्रतिशत धन प्रबंधन फर्मों के पास डिजिटल एसेट्स सर्विसेज और ऑफरिंग के लिए कोई प्लान मौजूद नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं