
बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने यूजर्स के लिए नई सर्विसेज शुरू की हैं. एक्सचेंज का फोकस Web3 इंटीग्रेशन पर है. Coinbase के ऐप पर Ethereum बेस्ड dApps के एक्सेस के लिए नया फीचर शुरू किया गया है. इससे यूजर्स इस ऐप के जरिए नॉन-फंजिबल टोकन ( NFT) मार्केटप्लेस और डीसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंजों (DEX) को एक्सेस कर सकेंगे.
डीसेंट्रलाइज्ड ऐप (dApp) एक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर चलते हैं. इन ऐप के इस्तेमाल के लिए यूजर्स को इन्हें डाउनलोड करने के बजाय dApp डिवेलपर को क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान करना होता है. इन ऐप्स पर किसी एक अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता. इन ऐप्स की लोकप्रियता Web3 कम्युनिटी के बीच बढ़ रही है. Coinbase ने अपने नए dApp वॉलेट और ब्राउजर को लॉन्च किया है. इससे एक्सचेंज के ऐप के जरिए यूजर्स को Web3 सर्विसेज एक्सेस करने की सुविधा मिलेगी. नया dApp वॉलेट फर्म की अपनी टीम और नेटवर्क की ओर से सुरक्षित बनाया जाएगा.
Coinbase की इस वर्ष की पहली तिमाही में कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 44 प्रतिशत घटी है. एक्सचेंज के प्रमुख Brian Armstrong ने तिमाही रिजल्ट के बारे में कहा कि जनवरी से मार्च के बीच ट्रेडिंग वॉल्यूम 309 अरब डॉलर की रही, जो पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में लगभग 547 अरब डॉलर की ट्रेडिंग वॉल्यूम से काफी कम है. कॉइनबेस ने पहली तिमाही के लिए 1.5 अरब डॉलर के रेवेन्यू का लक्ष्य रखा, लेकिन इसकी तुलना में यह 1.17 अरब डॉलर का रेवेन्यू ही हासिल कर सका है.
हाल ही में भारत की यात्रा पर आए Armstrong ने कॉइनबेस के प्लेटफॉर्म पर एक फीचर को बंद करने का कारण भी बताया. एक्सचेंज ने पिछले महीने घोषणा की थी कि भारत में यूजर्स डिजिटल पेमेंट्स के लिए UPI का इस्तेमाल कर क्रिप्टो एसेट्स को खरीद सकेंगे. हालांकि, इस फीचर के लिए सरकार ने स्वीकृति नहीं दी थी. इस वजह से कॉइनबेस के ऐप पर इसे बंद करना पड़ा था. Armstrong ने कहा, "रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से UPI का इस्तेमाल नहीं करने के लिए दबाव डाला जा रहा था. इस वजह से हमने इसे बंद किया था." एक्सचेंज की योजना विदेश में एक्सपैंशन करने की है. हालांकि, इसे दूसरी तिमाही में यूजर्स की संख्या और ट्रेडिंग वॉल्यूम और घटने की आशंका है.