प्रतीकात्मक फोटो.
बदायूं:
दहेज के लिए युवती की हत्या के दोषी पति और दो देवरों को एक स्थानीय अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के वकील रईस अहमद ने बुधवार को बताया कि बरेली के बारादरी थानाक्षेत्र की रहने वाली शांति देवी ने बदायूं के मुजरिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने अपनी लड़की यशोदा देवी की शादी करीब 6 वर्ष पूर्व गांव कौल्हाई निवासी चंद्रपाल के साथ की थी. हालांकि, चंद्रपाल और उसके दोनों भाई रामेश्वर व तेज सिंह विवाह में मिले दहेज से संतुष्ट नहीं थे.
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दहेज के लिए करते थे प्रताड़ित
शांति देवी का आरोप था कि ससुराल वाले यशोदा को कम दहेज लाने का ताना देते हुए प्रताड़ित करते थे. इस बीच उसकी लड़की यशोदा को एक बेटा पैदा हुआ. रिपोर्ट में कहा गया कि 16 मार्च 2014 की रात चंद्रपाल ने शांति देवी को फोन करके कहा कि यशोदा की तबियत खराब है. सुबह जब शांतिदेवी परिवार वालों के साथ यशोदा के ससुराल पहुंची तो घर पर दामाद और उसके दोनों भाई नहीं मिले. गांव वालों ने बताया कि इन लोगों ने उनकी लड़की यशोदा को मारकर कहीं ले जाकर जला दिया है.
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कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
कोर्ट में चंद्रपाल और उसके भाइयों रामेश्वर और तेजसिंह पर दहेज हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में मुकदमा चला. अहमद ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद उक्त आरोप में पति और दो देवरों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. तीनों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.
वीडियो देखें : दहेज हत्या के आरोपी अब भी फरार
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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दहेज के लिए करते थे प्रताड़ित
शांति देवी का आरोप था कि ससुराल वाले यशोदा को कम दहेज लाने का ताना देते हुए प्रताड़ित करते थे. इस बीच उसकी लड़की यशोदा को एक बेटा पैदा हुआ. रिपोर्ट में कहा गया कि 16 मार्च 2014 की रात चंद्रपाल ने शांति देवी को फोन करके कहा कि यशोदा की तबियत खराब है. सुबह जब शांतिदेवी परिवार वालों के साथ यशोदा के ससुराल पहुंची तो घर पर दामाद और उसके दोनों भाई नहीं मिले. गांव वालों ने बताया कि इन लोगों ने उनकी लड़की यशोदा को मारकर कहीं ले जाकर जला दिया है.
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कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
कोर्ट में चंद्रपाल और उसके भाइयों रामेश्वर और तेजसिंह पर दहेज हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में मुकदमा चला. अहमद ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद उक्त आरोप में पति और दो देवरों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. तीनों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.
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