महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के मुलुंड इलाके की एक सोसाइटी में पार्किंग की जगह को लेकर विवाद इतना बढ़ा गया कि एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली. इस मामले में मुलुंड की एक गृहिणी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि उसने अपने हाउसिंग सोसायटी के 67 वर्षीय व्यक्ति को उसके खिलाफ फर्जी यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने की धमकी देकर लोकल ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था.
पुलिस मामले की कर रही छानबीन
मामले में पुलिस सूत्रो ने बताया कि आरोपी कुमकुम मिश्रा, जो मरम्मत के दौरान अस्थायी रूप से पीड़ित डांड के परिवार के पार्किंग स्लॉट का उपयोग कर रही थीं, जबकि उनके पास खुद की कार नहीं थी, उस पार्किंग स्थान को स्थायी रूप से मांग रही थीं.
महिला पर केस दर्ज
7 अगस्त को डांड, जो कि एलआईसी एजेंट थे, मुलुंड में रेलवे ट्रैक पर मृत पाए गए. उनके परिवार की शिकायत के आधार पर, जिसमें कहा गया था कि मिश्रा की धमकियों और अपमानजनक व्यवहार ने उन्हें यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, मुलुंड पुलिस ने 1 सितंबर को उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बीएनएस धारा 108 के तहत गिरफ्तार किया. पिछले सप्ताह, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी एम सुंडाले ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया.
पुलिस ने मिश्रा और डांड के बीच हुए विवाद के बारे में बताया कि चौथी मंजिल के पार्किंग क्षेत्र में मरम्मत के कारण, उन्हें अस्थायी रूप से डांड परिवार के लिए आवंटित पार्किंग स्थान दिया गया था. डांड परिवार के पास कार नहीं थी, इसलिए उनका पार्किंग स्थान खाली था.
पार्किंग को लेकर हुई थी बहस
घटना से एक सप्ताह पहले, मिश्रा ने कथित तौर पर डांड परिवार से उनकी पार्किंग स्थायी रूप से छोड़ने की मांग की, क्योंकि उनके पास वाहन नहीं था. 5 अगस्त की शाम को, जब डांड ट्रेन की देरी के कारण देर से घर लौटे, तो मिश्रा ने उन्हें गाली दी और धमकी दी की बिल्डिंग से बाहर निकाल देंगी, ऐसा मृतक के परिवार ने बताया.
हाउसिंग सोसाइटी के निवासी भावेश पिथाडिया सहित गवाहों ने पुष्टि की कि मिश्रा ने डांड पर इमारत की लिफ्ट में मच्छर मारने की बैट से हमला किया था. इस झगड़े के बाद, बाईपास सर्जरी और पेसमेकर लगे डांड को गंभीर छाती में दर्द और चिंता के दौरे आने लगे. उन्हें शांत करने के प्रयासों के बावजूद, वह पूरी रात तनाव में रहे.
पूरा मामला समझिए
7 अगस्त को सुबह 5 बजे के आसपास, डांड दूध लाने के लिए घर से निकले, जो उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा था. जब वह घर नहीं लौटे, तो उनके परिवार ने उनके साले उल्हास मोमया के साथ मिलकर इलाके में उनकी तलाश शुरू की. बाद में उन्हें रेलवे पुलिस से सूचना मिली कि डांड को मुलुंड स्टेशन के पास सुबह 5.34 बजे के आसपास एक लोकल ट्रेन ने टक्कर मार दी थी.
हालांकि इस मौत को रेलवे दुर्घटना के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन डांड की विधवा ने दावा किया कि उन्होंने यह कदम मिश्रा द्वारा किए गए उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के कारण उठाया.
बाद में, उन्होंने अन्य बिल्डिंग निवासियों के साथ मिलकर मुलुंड पुलिस में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मिश्रा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा कि वह डांड की मानसिक स्थिति को खराब करने में योगदानकर्ता थीं, जिससे उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी. इसके बाद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया.
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