दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुूताबिक, आरोपी एक-दूसरे को समलैंगिक बता रहे हैं. (प्रतीकात्मक)
दिल्ली के शाहदरा इलाके में महिला की हत्या मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी महिला की हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोशिश में भी जुटे थे. हालांकि इस मामले में महिला का पति अभी फरार है. पुलिस इस मामले को समलैंगिक एंगल से जोड़कर के देख रही है. पुलिस ने शुक्रवार को एक फ्लैट से बदबू आने के बाद महिला का पांच दिन पुराना शव बरामद किया था.
दिल्ली पुलिस ने महिला की हत्या के मामले में आरोपी अभय कुमार झा और विवेकानंद मिश्रा को गिरफ्तार किया है. हालांकि तीसरा आरोपी महिला का पति फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्या के पीछे समलैंगिक एंगल हो सकता है. उन्होंने बताया कि आरोपी एक-दूसरे को समलैंगिक बता रहे हैं. साथ ही महिला के पति को भी समलैंगिक बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिला इसी कारण से परेशान थी और इसी के चलते झगड़ा भी होता था.

विवेकानंद मिश्रा इंग्लिश का ट्यूटर है जबकि अभय कुमार झा ड्राइवर है. दोनों ही बिहार के एक ही गांव के रहने वाले हैं.
गिरफ्तारी से बचने की कोशिश में था मिश्रा
पुलिस के मुताबिक, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने एक टीम बनाई और क्राइम सीन का निरीक्षण किया. इसके बाद सबसे पहले फ्लैट के मालिक की पहचान और खोजबीन शुरू की. जल्द ही पता चला कि घर का मालिक 65 साल का विवेकानंद मिश्रा गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था. टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे आनंद विहार के सूरजमल पार्क से पकड़ लिया. पूछताछ के दौरान विवेकानंद ने अपराध स्वीकार कर लिया और अपने दो साथियों अभय कुमार झा उर्फ सोनू और आशीष कुमार के नाम का खुलासा किया.

अलीगढ़ से अभय झा को किया गिरफ्तार
पुलिस जब विवेकानंद से पूछताछ कर रही थी तो उसी समय अभय झा उर्फ सोनू लाश को ठिकाने लगाने के लिए दिल्ली आया था और पहाड़गंज के एक होटल में ठहरा हुआ था. वह अपने साथी की गिरफ्तारी की खबर सुनकर बिहार भागने की कोशिश करने लगा. पुलिस टीम ने तुरंत मगध एक्सप्रेस ट्रेन को ट्रैक किया और अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर जीआरपी की मदद से अभय झा को गिरफ्तार कर लिया.
सबूत मिटाने की फिराक में थे आरोपी: पुलिस
पूछताछ और कॉल डिटेल से पता चला कि विवेकानंद और अभय झा उर्फ सोनू ने मिलकर अंजू उर्फ अंजली की हत्या की साजिश रची थी. 21 मार्च 2025 को अभय झा और आशीष अंजू को जबरदस्ती लुधियाना से दिल्ली लाए. इसके बाद विवेकानंद मिश्रा ने ऑनलाइन सर्च किया कि कैमिकल से लाश को कैसे ठिकाने लगाया जा सकता है. साथ ही, उसने दिल्ली जल बोर्ड के खुले मेनहोल और नालों की भी खोजबीन की थी. इससे स्पष्ट होता है कि आरोपी हत्या के बाद सबूत मिटाने की पूरी योजना पहले ही बना ली थी.
बिहार के सुपौल का रहने वाला 29 साल का अभय कुमार झा उर्फ सोनू और दिल्ली के सत्यम् एन्क्लेव में रहने वाला 65 साल विवेकानंद मिश्रा अब पुलिस गिरफ्त में हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि महिला के पति के गिरफ्त में आने के बाद ही हत्या के सही वजह पता चल सकेगी.
23 मार्च को की गई थी महिला की हत्या
दिल्ली के विवेक विहार थाने में एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसमें सत्यम एन्क्लेव के एक फ्लैट से दुर्गंध आने की सूचना दी गई थी, जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो घर बाहर से बंद मिला और पिछले दरवाजे के पास खून के निशान दिखाई दिए. दरवाजा खोलने के बाद, अंदर एक 35 साल महिला का शव सड़ी-गली अवस्था में बिस्तर के अंदर स्टोरेज में छिपाकर रखा गया मिला. शव को एक बैग में बंद किया गया था.
महिला की पहचान 35 साल की अंजू उर्फ अंजलि के रूप में हुई, जो मूल रूप से लुधियाना की रहने वाली थी. अंजू का शव जिस घर में मिला है, उसका मकान मालिक विवेकानंद मिश्रा है.
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