
कर्नाटक के तुमकुरु जिले के कोरटगेरे से एक ऐसा सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है, जिसके बारे में सुन कोई ही सहम जाएगा. एक डेंटिस्ट ने अपने 2 साथियों के साथ मिलकर अपनी सास की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी और फिर उसके शव को टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और उनकी करतूतों का खुलासा सुनकर पूरा इलाका सदमे में है. इस हत्याकांड को जिस बेरहमी के साथ अंजाम दिया गया उसके बारे में जानकर हर किसी के होश उड़ गए. पुलिस के मुताबिक डॉक्टर दामाद अपनी जिंदगी में सास की दखल अंदाजी को लेकर परेशान था, जिसका असर उसके वैवाहिक जीवन पर पड़ रहा था.
7 अगस्त: जब खुला खौफनाक राज
तुमकुरु के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक केवी ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 7 अगस्त को कोरटगेरे पुलिस स्टेशन की सीमा में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पुलिस को भी हिलाकर रख दिया. यहां के इलाके में मानव शरीर के टुकड़े बिखरे हुए मिले, जिनमें दो हाथ, मांसपेशियों के हिस्से, और आंतों के टुकड़े अलग-अलग जगहों पर फेंके गए थे. यह नजारा इतना डरावना था कि इस देख कोई भी डर जाएगा.
पुलिस ने तुरंत हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. पुलिस ने हाल के गुमशुदगी के मामलों की पड़ताल की और पाया कि बेल्लावी में 3 अगस्त को एक महिला अचानक से लापता हुई थी, जिसकी उम्र मृतक से मिलती-जुलती थी. जब पुलिस ने बरामद हुए हाथों पर मौजूद पहचान चिह्नों की जांच की, तो मृतक के परिवार ने इनकी पहचान बी. लक्ष्मीदेवी के रूप में की. लक्ष्मीदेवी की क्रूर हत्या ने सभी को सकते में डाल दिया.
सफेद कार ने खोली हत्या की गुत्थी
पुलिस ने लक्ष्मीदेवी के बारे में खोजबीन की तब पता चला कि वह आखिरी बार एक सफेद कार में दिखी थीं. इस सुराग ने पुलिस को हत्याकांड की सनसनीखेज सच्चाई तक पहुंचाया. मामले की जांच में खुलासा हुआ कि यह कार कोई और नहीं, बल्कि लक्ष्मीदेवी के दामाद, डॉ. रामचंद्रा के पास थी. जी हां, वही डॉ. रामचंद्रा, जो पेशे से डेंटिस्ट हैं और जिन्हें इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
षड्यंत्र और क्रूर हत्या
पुलिस ने डॉ. रामचंद्रा और उनके दो साथियों, सतीश और किरण, को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में जो खुलासा हुआ, वह रोंगटे खड़े करने वाला था. इस जघन्य हत्या को अंजाम देने के लिए तीनों ने मिलकर साजिश रची थी. लक्ष्मीदेवी को 3 अगस्त को कार में बिठाया गया, फिर उसी कार में उनकी गला दबाकर हत्या कर दी गई. इस दौरान डॉ. रामचंद्रा भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस क्रूर कृत्य को अंजाम दिया. हत्या के बाद, तीनों ने शव को ठिकाने लगाने का एक भयानक प्लान बनाया. उन्होंने लक्ष्मीदेवी के शव को टुकड़ों में काटा और इन टुकड़ों को कोरटगेरे के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया, ताकि कोई सबूत न बचे. लेकिन उनकी यह चाल कामयाब नहीं हुई.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की. बिखरे हुए शव के टुकड़ों को देखने के बाद, पुलिस ने कार के मालिकाना हक की जांच की और डॉ. रामचंद्रा तक पहुंच गई. इसके बाद सतीश और किरण को भी हिरासत में ले लिया गया. तीनों आरोपियों को 11 अगस्त की रात को जेल भेज दिया गया, और अगले दिन, 12 अगस्त को उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. इसमें एक दामाद ने अपनी सास की हत्या की. डॉ. रामचंद्रा जैसे पढ़े-लिखे और प्रतिष्ठित पेशेवर से ऐसी उम्मीद किसी को नहीं थी. लक्ष्मीदेवी की हत्या और उनके शव को टुकड़ों में काटने की घटना ने पूरे तुमकुरु को हिलाकर रख दिया है.
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