दिल्ली पुलिस ने ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह को धरदबोचा.
- ट्रेन के चलते ही टारगेट तय कर लेते थे
- लूटपाट के बाद चलती ट्रेन से कूद जाते थे लुटेरे
- लुटरों की आपस में कोड वर्ड में होती थी बातचीत
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ट्रेनों में लूट करने वाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा है. यह गैंग 1000 से ज्यादा लूट की वारदातों को अंजाम दे चुकी है.
जैसे ही ट्रेन धीमी होती या चलना शुरू करती, इस गैंग का काम शुरू हो जाता था. इस गैंग के सदस्य सभी ट्रेनों में चढ़ते, अपना निशाना चुनते और फिर उसे लूट लेते थे. लुटेरे लूट के बाद चलती ट्रेन से ही कूद जाते थे. पुलिस के मुताबिक यह लुटेरे हर रोज एक से दो वारदातें करते थे. पिछले ढाई साल में इन लोगों ने एक हजार से ज्यादा वारदातें कीं. इनमें कई घटनाएं पुलिस में रिपोर्ट नहीं हुईं.
डीसीपी, क्राइम जॉय टिर्की ने बताया कि एक गैंग को पकड़ा है जो ट्रेन में हर रोज चलता था. 16 सितंबर को शकूरबस्ती में इन लोगों ने एक शख्स को लूट के दौरान बुरी तरह चाकू मारे थे.
यह भी पढ़ें : चलती ट्रेन की छत काटकर लूटे 5.78 करोड़, लेकिन हो गई नोटबंदी
गैंग का सरगना 46 साल का विक्रम है जो 2002 से लगातार ऐसी वारदातें कर रहा है. इसके अलावा विकी, राजेन्द्र, मुस्तकीम और सोनू भी गिरफ्तार हुए हैं. मुस्तकीम इंजीनियरिंग का छात्र रह चुका है.
यह लुटेरे महिलाओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाते थे. वारदात के दौरान अगर कोई विरोध करता था तो ये लोग पेपर काटने वाले चाकुओं से उस पर हमला कर देते थे. वारदात के वक्त ये लोग कोड वर्ड में बात करते थे. इनमें एक का नाम मशीन होता था और बाकी का ठेकबाज.
VIDEO : लुटेरों ने महिला और उसके बच्चे को ट्रेन से फेंका
जॉय टिर्की ने बताया कि जो लोग टारगेट को आसपास से घेरते थे उन्हें ठेकबाज कहते हैं और जो मशीन है वह इसी बीच लूट कर लेता था. पुलिस के मुताबिक ये लोग ज्यादातर वारदातें नई दिल्ली, सब्जी मंडी, शकूरबस्ती और आनंद विहार स्टेशनों के आसपास करते थे. इनके गैंग में कुछ और लोग हैं जिनकी तलाश जारी है.
जैसे ही ट्रेन धीमी होती या चलना शुरू करती, इस गैंग का काम शुरू हो जाता था. इस गैंग के सदस्य सभी ट्रेनों में चढ़ते, अपना निशाना चुनते और फिर उसे लूट लेते थे. लुटेरे लूट के बाद चलती ट्रेन से ही कूद जाते थे. पुलिस के मुताबिक यह लुटेरे हर रोज एक से दो वारदातें करते थे. पिछले ढाई साल में इन लोगों ने एक हजार से ज्यादा वारदातें कीं. इनमें कई घटनाएं पुलिस में रिपोर्ट नहीं हुईं.
डीसीपी, क्राइम जॉय टिर्की ने बताया कि एक गैंग को पकड़ा है जो ट्रेन में हर रोज चलता था. 16 सितंबर को शकूरबस्ती में इन लोगों ने एक शख्स को लूट के दौरान बुरी तरह चाकू मारे थे.
यह भी पढ़ें : चलती ट्रेन की छत काटकर लूटे 5.78 करोड़, लेकिन हो गई नोटबंदी
गैंग का सरगना 46 साल का विक्रम है जो 2002 से लगातार ऐसी वारदातें कर रहा है. इसके अलावा विकी, राजेन्द्र, मुस्तकीम और सोनू भी गिरफ्तार हुए हैं. मुस्तकीम इंजीनियरिंग का छात्र रह चुका है.
यह लुटेरे महिलाओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाते थे. वारदात के दौरान अगर कोई विरोध करता था तो ये लोग पेपर काटने वाले चाकुओं से उस पर हमला कर देते थे. वारदात के वक्त ये लोग कोड वर्ड में बात करते थे. इनमें एक का नाम मशीन होता था और बाकी का ठेकबाज.
VIDEO : लुटेरों ने महिला और उसके बच्चे को ट्रेन से फेंका
जॉय टिर्की ने बताया कि जो लोग टारगेट को आसपास से घेरते थे उन्हें ठेकबाज कहते हैं और जो मशीन है वह इसी बीच लूट कर लेता था. पुलिस के मुताबिक ये लोग ज्यादातर वारदातें नई दिल्ली, सब्जी मंडी, शकूरबस्ती और आनंद विहार स्टेशनों के आसपास करते थे. इनके गैंग में कुछ और लोग हैं जिनकी तलाश जारी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं