गर्म चिमटे से पीटा, डस्टबिन से उठाकर खाना खाया : 13 साल की घरेलू सहायिका की प्रताड़ना की कहानी

अधिकारियों ने कहा कि लड़की के पूरे शरीर पर चोट के निशान पाए गए. पुलिस उसकी मेडिकल जांच भी करा रही है ताकि यह पता चल सके कि उसके साथ दुष्कर्म तो नहीं हुआ था?

गुरुग्राम:

एक 13 साल की घरेलू सहायिका को कल देर शाम गुरुग्राम में उसे काम पर रखने वाले व्यक्ति के घर से बचाया गया. पुलिस ने कहा कि, वहां पिछले कुछ महीनों में उसे भयानक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. अधिकारियों ने कहा कि झारखंड की रहने वाली लड़की के पूरे शरीर पर घाव पाए गए, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

यह पता करने के लिए कि कहीं उसका यौन उत्पीड़न तो नहीं हुआ था, डॉक्टर उसका मेडिकल परीक्षण भी कर रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि लड़की को कथित तौर पर गर्म चिमटे और डंडों से पीटा गया था. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उसे काम पर रखने वाले दंपति ने उसे भूखा रखते थे और लड़की पर "ठीक से काम नहीं करने" और खाना चुराने का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई करते थे.

एक अधिकारी ने कहा, "उसे कई दिनों तक खाना नहीं दिया गया. लड़की डस्टबिन में फेंका गया बचा हुआ खाना निकालकर खाती थी."

गुरुग्राम के एक एनजीओ की शिकायत के बाद पुलिस ने लड़की को छुड़ाया. कल एक कार्यकर्ता के लड़की की स्थिति पर एक ट्विटर थ्रेड के वायरल होने के बाद एनजीओ ने पुलिस से संपर्क किया.

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एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज द्वारा साझा की गई तस्वीरों में लड़की के माथे, होठों, गालों और बांहों पर चोट के निशान और जलने के निशान दिख रहे हैं.

आरोपी दंपति ने उस लड़की को पिछले साल एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए अपनी तीन महीने की बेटी की देखभाल के लिए रखा था.

दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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लड़की की तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई हैं. इस पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार महिला को उस संस्थान ने बर्खास्त कर दिया है जिसके लिए वह काम करती थी.