
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने दो ऐसे साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है जो निवेश के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपये की ठगी करते थे. गिरफ्तार आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं जिनमें ठगी से जुड़ी अहम चैट्स और सुराग मिले हैं. आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने भारतीय सेना के एक सूबेदार से करीब 16 लाख रुपये की ठगी की थी. उन्हें शेयर ट्रेडिंग ऐप में निवेश का झांसा देकर फर्जी ऐप के जरिए धोखा दिया गया.
निवेश का झांसा देकर लगाया चूना
49 साल के सूबेदार महेश से नवंबर 2024 में अयाना जोसेफ नाम की महिला ने व्हाट्सएप पर संपर्क किया और खुद को स्टॉक मार्केट एनालिस्ट बताया. उसे एक ग्रुप में जोड़ा गया और एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप इंस्टॉल करवाया गया. 3 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच महेश ने 15.92 लाख रुपये कई खातों में जमा कर दिए. उनसे बताया गया कि उन्हें ₹30 लाख का मुनाफा होगा. जब पीड़ित ने ₹8 लाख निकालने की कोशिश की तो उनसे ₹17.41 लाख तक मांगा गया.
फोन में फर्जी ऐप कराया डाउनलोड
इसमें से उन्होंने 5 लाख और दे दिए. बाद में जब उन्होंने आदित्य बिड़ला कैपिटल से संपर्क किया, तो पता चला कि उनके नाम पर कोई डीमैट खाता नहीं है और जो ऐप उन्होंने इस्तेमाल किया वह पूरी तरह फर्जी था. जांच में पता चला कि ₹8 लाख एक बैंक ऑफ महाराष्ट्र अकाउंट में गए थे, जो कि गुजरात के वडोदरा निवासी अनीकेत गायकवाड़ के नाम पर था. इसके बाद यह पैसा पलिताना के एक अन्य युवक आकाश गोहिल के खाते में ट्रांसफर हुआ और वहां से चेक के ज़रिए निकाल लिया गया.
ठगों तक कैसे पहुंची पुलिस
पुलिस टीम गुजरात पहुंची और स्थानीय इंटेलिजेंस व टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर आकाश गोहिल को गिरफ़्तार किया गया. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने यह खाता राजेश रणाभाई उर्फ छोटू गढ़वी के कहने पर खोला था और उसे 1.5% कमीशन मिला था. अनीकेत ने भी कई बैंक खातों के डिटेल अपने दोस्त अमर संधू को दिए थे. उसके मोबाइल से चैट्स और KYC डॉक्यूमेंट्स की डिटेल्स भी मिली हैं. पुलिस की टीम अब अमर संधू और छोटू गढ़वी की तलाश में गुजरात के कई ज़िलों में छापेमारी कर रही है.
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