Yuzvendra Chahal on RCB IPL : आईपीएल (RCB In IPL) में अबतक आरसीबी की टीम खिताब नहीं जीत पाई है. विराट कोहली (Kohli) ने आरसीबी की कप्तानी छोड़ दी और फाफ डुप्लेसी को टीम का नया कप्तान बनाया गया. लेकिन इसके बाद भी टीम आरसीबी की किस्मत नहीं बदली और खिताब जीतने से अबतक दूर हैं. ऐसे में अब टीम के लिए खेल चुके युजवेंद्र चहल (Yuxvendra Chahal) ने इस सवाल के जवाब में कुछ ऐसा कहा है जो सुर्खियां बटोर रहा है. चहल ने द रणवीर शो में इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की लेकिन उनके पास भी इसको लेकर कोई शानदार जवाब नहीं था.
द रणवीर शो में चहल ने कहा कि, "मैं 8 साल से उस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं, 2016 में, हमारे पास सबसे अच्छा मौका था क्योंकि हमारे पास क्रिस गेल और केएल राहुल थे.. हम फाइनल हार गए. आखिरकार हमने 7 में से 6 गेम जीते. मुझे अपनी पहली पर्पल कैप दिल्ली के खिलाफ क्वालीफायर मैच में मिली, सिर्फ दो दिनों के लिए .समीकरण ये था कि अगर हम हार गए तो टॉप 4 से बाहर हो जाएंगे और अगर जीत गए तो दूसरे नंबर पर रहेंगे. हमने मैच जीता और फाइनल में पहुंचे.. हम चिन्नास्वामी में खेल रहे थे लेकिन 8-10 रनों से मैच हार गए..इससे दुख हुआ.."
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि हर बार असफल सीज़न के बाद किस तरह की बातचीत टीम में होती थी चहल ने कहा कि, "हमेशा इस बारे में चर्चा होती है कि अगले सीज़न में क्या अलग किया जा सकता है.. लेकिन, अच्छा क्रिकेट खेलकर अगर टीम हार जाती है तो बहुत ज्यादा दुख नहीं होता था. चहल ने कहा कि, वहां जब हम फाइनल में नहीं पहुंच पाते थे तो हम इस बारे में बात करते हैं कि हम अगले साल क्या अलग कर सकते हैं.. जब आप अच्छा क्रिकेट खेलने के बाद हारते हैं, तो उतना बुरा नहीं लगता..एक चीज है कोशिश करने के बाद हारना, दूसरी चीज है शुरुआत से हारना.."
चहल ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा कि, "एक बार, हम लगातार 6 मैच हार गए थे लेकिन जब हमने 7वां मैच जीता, तो हमने ऐसे जश्न मनाया जैसे कि हमने खिताब जीत लिया हो.. क्रिकेट भी आपको ये तस्वीरें दिखाता है.. इस बार, राजस्थान सर्वश्रेष्ठ टीम थी और हम क्वालिफाई भी नहीं कर सके..जो चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं, हम उनके बारे में ज्यादा नहीं सोचते हैं."
धोनी पर भी बोले चहल
वहीं, धोनी के साथ अपने रिश्ते पर भी चहल ने खुलासा किया और कहा कि धोनी मेरे भाई जैसे हैं. मैं उनको कभी भी कॉल कर सकता है. चहल ने कहा कि, "वह एकमात्र व्यक्ति हैं, उनके सामने आते ही मेरी बोलती बंद हो जाती है.. चाहे मेरा मूड कैसा भी हो, मैं ज्यादा उनके सामने नहीं बोलता.. मैं बस शांत बैठता हूं और तभी जवाब देता हूं जब माही भाई कुछ पूछते हैं.. नहीं तो मैं चुप ही रहता हूं. "
32 वर्षीय स्पिनर ने एक धोनी को लेकर एक बात साझा की और कहा कि, सेंचुरियन टी-20 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैंने 64 रन दे दिए थे. इसके बाद भी माही भाई ने मेरे पर भरोसा दिखाया और उन्हें सांत्वना दी थी. स्पिनर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा कि, "हम सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक टी20 मैच खेल रहे थे.. पहली बार, मुझे चार ओवर में 64 रन पड़े, क्लासेन मेरे खिलाफ लगातार रन बना रहे थे. इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं राउंड द विकेट गेंदबाजी करूंगा.. मैंने कहा ठीक है, लेकिन फिर क्लासेन ने मुझे छक्का मारा दिया. "
चहल ने कहा कि, "मैं वापस जा रहा था तब माही भाई मेरे पास आए और मुझसे कहा, 'आज तेरे दिन नहीं है, कोई बात नहीं..लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि "मेरे पास जो पांच गेंदें बची हैं, मुझे कोशिश करनी चाहिए और उन पर बाउंड्री नहीं लगानी चाहिए क्योंकि इससे टीम को मदद मिलेगी.."
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