नई दिल्ली:
क्रिकेट विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह का कहना है कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि विश्व कप में उनका प्रदर्शन इतना शानदार रहेगा।
बेहतरीन प्रदर्शन के लिए युवराज को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था लेकिन इसके बाद ही युवराज के फेफड़े के कैंसर से पीड़ित होने की बात पता चली। युवराज इसका इलाज अमेरिका में समाप्त कर चुके हैं।
युवराज अब कैंसरमुक्त हो चुके हैं। युवराज ने ट्विटर पर जारी अपना वीडियो पोस्ट करते हुए विश्व कप में अपनी शानदार सफलता को याद किया।
युवराज ने कहा, "मैं वानखेड़े स्टेडियम में तिरंगे को शान से लहराते हुआ दृश्य हमेशा याद रखूंगा। वह पल हमारे लिए सबकुछ था।"
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस शानदार पल के बाद मुझे अपनी जिंदगी से जूझना होगा लेकिन जीवन में कभी-कभी ऐसा होता है।"
युवराज ने विश्व कप में 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे। अपने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत पर चार मौकों पर मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।
युवराज याद करते हैं कि खिताबी जीत की खुशी सबको थी लेकिन सचिन तेंदुलकर इस जीत को लेकर सबसे अधिक खुश थे। युवराज के मुताबिक सचिन और बाकी के साथियों ने उन्हें अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया था।
युवराज ने कहा, "विश्व कप से पहले मेरा फार्म खराब था। मैंने इस बारे में सचिन से बात की थी। सचिन ने मुझसे कहा था कि मैं हौसला बनाए रखूं और अपना स्वाभाविक खेल दिखाऊं।"
युवराज याद करते हैं कि दक्षिण अफ्रीका के हाथों नागपुर में हारने के बाद उनकी टीम ने शानदार वापसी करते हुए खिताबी जीत हासिल की थी।
युवराज ने कहा, "दक्षिण अफ्रीका से मिली हार के बाद हमें कई समस्याओं से निपटना था। ग्रुप स्तर पर मिली इस हार के बाद हमने खुद को सम्भाला था।"
"मैं सोचता हूं कि क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली जीत मेरे लिए सबसे अधिक मायने रखती है।"
भारत ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराया और श्रीलंका के साथ फाइनल खेलते हुए 28 साल के बाद खिताबी जीत दर्ज की।
बेहतरीन प्रदर्शन के लिए युवराज को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था लेकिन इसके बाद ही युवराज के फेफड़े के कैंसर से पीड़ित होने की बात पता चली। युवराज इसका इलाज अमेरिका में समाप्त कर चुके हैं।
युवराज अब कैंसरमुक्त हो चुके हैं। युवराज ने ट्विटर पर जारी अपना वीडियो पोस्ट करते हुए विश्व कप में अपनी शानदार सफलता को याद किया।
युवराज ने कहा, "मैं वानखेड़े स्टेडियम में तिरंगे को शान से लहराते हुआ दृश्य हमेशा याद रखूंगा। वह पल हमारे लिए सबकुछ था।"
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस शानदार पल के बाद मुझे अपनी जिंदगी से जूझना होगा लेकिन जीवन में कभी-कभी ऐसा होता है।"
युवराज ने विश्व कप में 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे। अपने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत पर चार मौकों पर मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।
युवराज याद करते हैं कि खिताबी जीत की खुशी सबको थी लेकिन सचिन तेंदुलकर इस जीत को लेकर सबसे अधिक खुश थे। युवराज के मुताबिक सचिन और बाकी के साथियों ने उन्हें अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया था।
युवराज ने कहा, "विश्व कप से पहले मेरा फार्म खराब था। मैंने इस बारे में सचिन से बात की थी। सचिन ने मुझसे कहा था कि मैं हौसला बनाए रखूं और अपना स्वाभाविक खेल दिखाऊं।"
युवराज याद करते हैं कि दक्षिण अफ्रीका के हाथों नागपुर में हारने के बाद उनकी टीम ने शानदार वापसी करते हुए खिताबी जीत हासिल की थी।
युवराज ने कहा, "दक्षिण अफ्रीका से मिली हार के बाद हमें कई समस्याओं से निपटना था। ग्रुप स्तर पर मिली इस हार के बाद हमने खुद को सम्भाला था।"
"मैं सोचता हूं कि क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली जीत मेरे लिए सबसे अधिक मायने रखती है।"
भारत ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराया और श्रीलंका के साथ फाइनल खेलते हुए 28 साल के बाद खिताबी जीत दर्ज की।
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