अगले महीने मैदान पर शुरू होने वाला है, सबसे बड़ा घमासान। भारत अपने पहले मुकाबले में पाकिस्तान से भिड़ेगा। भारत और पाकिस्तान की टीमें जब मैदान पर उतरती हैं तो हालात बिल्कुल जंग जैसे नजर आते हैं। खिलाड़ी दुनिया की किसी टीम से भले हार जाएं, लेकिन एक-दूसरे से हारना उन्हें मंजूर नहीं होता।
पाकिस्तान की टीम हर बार की तरह इस बार भी नया इतिहास बनाने की बात कह रही है। भारत चाहे टूर्नामेंट के हिसाब से खुद को तैयार करने की बात कह रहा हो, पूर्व कप्तान पाकिस्तान यूनुस खान कहते हैं कि इतिहास को बदलने का मौका है और इस बार मुझे
लगता है कि पाकिस्तान भारत को इस बार वर्ल्ड कप में हरा सकता है।
वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेहद खराब है। वर्ल्ड कप के किसी भी मैच में पाकिस्तान भारत को नहीं हरा पाया है। इसकी टीस पाकिस्तान टीम में जरूर बरकरार लगती है। 1975 से लेकर 2011 के बीच में 10 वर्ल्ड कप हो चुके हैं। इन 10 वर्ल्ड कप में पांच बार ये टीमें आपस में भिड़ी हैं और हर बार भारत को जीत मिली है। पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ चुनौती कई और वजहों से इस बार और मुश्किल नजर आती है।
टीम इंडिया जिफेंडिंग चैंपियन है और छोटे फ़ॉर्मेट में पाकिस्तान से कहीं ज़्यादा मज़बूत नज़र आती है। साथ ही उनके घातक स्पिनर सईद अजमल पाबंदी के चलते वर्ल्ड कप में नहीं हैं, जबकि तेज़ गेंदबाज़ उमर गुल चोटिल होने के कारण टीम में नहीं है।
2011 वर्ल्ड कप के बाद के आंकड़े ज़रूर बराबरी के रहे हैं। 2011 वर्ल्ड कप के बाद दोनों टीमों के बीच छह वन-डे मैच हुए हैं, जिनमें भारत को तीन में जीत मिली, जबकि पाकिस्तान ने भी तीन बार बाज़ी मारी।
वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का पहला मैच एक-दूसरे के ख़िलाफ़ हैं, जिसकी टिकटें जारी होते ही बिक गईं इसलिए समझा जा सकता है कि फ़ैन्स की दिलचस्पी इस मैच में टूर्नामेंट के दूसरे मैचों से कहीं ज़्यादा है।
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