
टीम इंडिया के World Cup 2023 में अभी तक के अभियान से सभी अभिभूत हैं. टीम रोहित लगातार आठ जीत दर्ज करके प्वाइंट्स टेबल (Points Table) में टॉप पर बनी हुई है. और सभी की नजरें अब बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल मुकाबले पर टिकी हुई हैं. इसमें दो राय नहीं कि अगर इस टीम को भारतीय वनडे इतिहास की सबसे संतुलित टीम करार दिया जाए, तो एक बार को गलत नहीं ही होगा. अगर ऐसा है, तो उसके पीछे है पेस बॉलिंग अटैक, जिसने संतुलन को नया ही आयाम दे दिया है. लेकिन पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि वर्मतान पेस बॉलिंग अटैक भारत का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ नहीं है.
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अपनी कप्तानी में साल 2003 में भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने वाले गांगुली ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में करीब दो दशक पहले आयोजित हुए विश्व कप में जहीर, नेहरा और श्रीनाथ का पेस अटेक भारत का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ था. उन्होंने एक चैनल से बातचीत में कहा कि मैं नहीं कह सकता है कि यह भारत का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ पेस अटैक है. साल 2003 विश्व कप में नेहरा, जहीर और श्रीनाथ ने भी शानदार गेंदबाजी की थी.
सौरव ने बुमराह की भी जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति भारतीय पेस अटैक को पूरी तरह अलग बना देता है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर बुमराह, शमी और सिराज को गेंदबाजी करते देखना बहुत ही रोमांचक है. जब आपकी टीम में बुमराह होते हैं, तो यह बड़ा अंतर पैदा करता है. इस स्थिति में हमेशा ही बल्लेबाजों पर दबाव होता है क्योंकि जोड़े में बॉलिंग होती है. बुमराह बाकी दो साथी गेंदबाजों पर भी बड़ा असर छोड़ते हैं.
वहीं, सौरव ने शमी की तारीफ करते हुए कहा कि इस पेसर को शुरुआत से ही इलेवन का हिस्सा होना चाहिए था. आप देखिए कि मोहममद शमी ने कितना ज्यादा अंतर पैदा किया है. शमी शुरुआती चार मैचों में बाहर बैठे थे, लेकिन अगले चार मैचों में शमी 16 विकेट चटकाकर अग्रणी गेंदबाज के रूप में उभरकर सामने आए.
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