पाक क्रिकेट टीम को किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहिए भारत दौरा : पाकिस्तानी मंत्री

पाक क्रिकेट टीम को किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहिए भारत दौरा : पाकिस्तानी मंत्री

भारतीय और पाकिस्तानी फैन्स (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट रिश्ते दोबारा शुरू होने की सुगबुगाहट के बीच पाकिस्तान सरकार ने इसमें रोड़ा अटका दिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने साफ कहा कि पाक क्रिकेट टीम को किसी भी कीमत पर भारत का दौरा नहीं करना चाहिए। खान ने कहा कि वह ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ है जिसे वह 'अपमान' मानते हैं।

खान ने यह टिप्पणी मीडिया में आई उन खबरों के बाद की, जिसमें कहा गया था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को अगले महीने यूएई की बजाय अपनी घरेलू सीरीज़ भारत में खेलने के लिए आमंत्रित किया है। इससे पहले पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने भी कहा था कि पाकिस्तान के लिए भारत में प्रस्तावित द्विपक्षीय सीरीज़ खेलना व्यावहारिक नहीं होगा, जैसा कि बीसीसीआई ने सुझाव दिया है।

शहरयार ने ही सबको बताया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने पीसीबी को पत्र लिखकर पाकिस्तान को दिसंबर में भारत में प्रस्तावित द्विपक्षीय सीरीज़ खेलने के लिए आमंत्रित किया है। लेकिन शहरयार ने साफ किया कि यह सीरीज़ तभी संभव है अगर भारत यूएई में आकर खेले जहां लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आतंकी हमले के बाद 2009 से वह अपने घरेलू मैच खेल रहा है।

शहरयार ने ESPNCricinfo.com से कहा, 'भारत में खेलने का सवाल ही नहीं उठता। मुझे अब भी यूएई में नहीं खेलने के कारण का इंतजार है।' उन्होंने कहा, 'हम साल 2007 और 2012 में वहां गए। इस बार फिर ऐसा नहीं होगा। यह हमारी सीरीज़ है और हम अपने घरेलू स्थल पर खेलेंगे जो यूएई है। यूएई में खेलने में क्या समस्या है। उन्होंने अपना आईपीएल भी वहां खेला था तो फिर पाकिस्तान सीरीज़ क्यों नहीं।

दोनों बोर्ड ने 2014 में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अनुसार पाकिस्तान को दो टेस्ट, पांच वनडे और दो टी20 मैचों की सीरीज़ के लिए भारत की मेजबानी करनी है। हालांकि इस सीरीज़ के लिए सिर्फ एक महीने का समय उपलब्ध है, क्योंकि भारत को 12 जनवरी से शुरू हो रही सीमित ओवरों की सीरीज़ के लिए आठ जनवरी को ऑस्ट्रेलिया जाना है।

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भारत में द्विपक्षीय सीरीज़ पर अंतिम फैसला जिस तरह सरकार पर निर्भर करता है, उसी तरह पीसीबी को भी प्रस्तावित श्रृंखला पर अंतिम फैसले के लिए अपनी सरकार से स्वीकृति की जरूरत पड़ेगी।