किस काम के और कितने जवाबदेह होंगे हमारे दिग्गज सलाहकार?

किस काम के और कितने जवाबदेह होंगे हमारे दिग्गज सलाहकार?

नई दिल्ली:

उम्मीद के मुताबिक सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को टीम इंडिया का एडवाइज़र चुना गया। मोटे तौर पर इन तीनों को उनकी भूमिका भी समझा दी गई है कि अहम बातों पर ये टीम इंडिया को सलाह देते रहेंगे।

वैसे हैरानी है कि अगर सलाह देने की ही बात है तो इन महान नामों को बीसीसीआई की ओर से किसी पद कि क्या ज़रूरत थी। इनका कद भारतीय क्रिकेट में इतना बड़ा है कि ये जब चाहें तब अपनी बातें बीसीसीआई तक पहुंचा सकते हैं।

इतना ही नहीं अहम विदेशी दौरों से पहले ये तिकड़ी टीम इंडिया की रणनीति और प्लानिंग का भी हिस्सा होंगे और घरेलू क्रिकेट में किसी प्रतिभावान खिलाड़ी का हुनर खो न जाए इसकी भी जिम्मेदारी इन सलाहकारों की होगी।

काम बहुत बड़ा और भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर जुड़ा हुआ है इसीलिए कुछ सवाल है जो ज़हन में उठते हैं।

ये तीनों अपनी सलाह किसे देंगे?
बोर्ड के हिसाब से ये तीनों खिलाड़ी अपनी सलाह समय-समय पर बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव को देते रहेंगे। बीसीसीआई की मीटिंग्स में इन सुझावों पर विचार करेंगे और फ़िर निर्धारित समितियों को ये सुझाव भेजे जाऐंगे।

क्या इनकी सलाह मानी जाएगी?
ये कहीं भी नहीं स्पष्ट होता कि ये खिलाड़ी जो भी ब्लू-प्रिंट टीम इंडिया के विदेशी दौरों या घरेलू क्रिकेट के बारे में बनाएंगे क्या उसे माना जाएगा? या फ़िर इनका काम सिर्फ़ सलाह देना है, उसे माना जाए या ना जाए इसकी जिम्मेदार उनकी नहीं। हर क्रिकेट पत्रकार को पता है कि 2011 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 8 टेस्ट सीरीज़ हारे तो अनिल कुंबले के नेतृत्व में क्रिकेट कमिटी ने कई सुझाव दिए थे। बीसीसीई ने शायद इन सुझावों को पढ़ना भी गंवारा नहीं समझा।

इस काम के इन्हें कितने पैसे मिलेंगे?
कहने को तो ये ऑनरेरी जॉब है ..यानी इस काम के उन्हें पैसे नहीं मिलेंगे। लेकिन अब सलाहकार बनने के लिए इन खिलाड़ियों को अपना काफी समय देना पड़ेगा, जिस वजह से ये अपने बाकी व्यवसाय पर ध्यान नहीं दे पाऐंगे।

इसलिए बीसीसीआई इन्हें इस नुकसान का भुगतान करेगा। यानी नाक को सीधे न पकड़कर घुमाकर पकड़ने की कहावत यहां सच अमल में लाई जाएगी।

क्या ये सलाहकार भारत की हार के लिए जिम्मेदार होंगे?
जब आप टीम का ब्लू-प्रिंट बना रहे हों, टीम के युवाओं को तराश रहे हो, तैयारियों का जायज़ा ले रहे हों, तो क्या आप टीम इंडिया की हार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाओगे?

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इस सबसे बड़े सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है और कोई देना भी नहीं चाहता है। पहले भी सुनील गावस्कर, कपिल देव जैसे दिग्गज टीम इंडिया के साथ बतौर सलाहकार जुड़ चुके थे, लेकिन वो टीम के किसी काम नहीं आए। जब उन पर सवाल उठे तो उन्होंने बड़े आराम से कहा कि उनका काम तो केवल सलाह देना है। इस बार भी इस बारे में इन खिलाड़ियों की जवाबदेही के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। लग रहा है कि इस बार भी टीम की हार पर इस तिकड़ी के लिए ये EXIT-द्वार खुला रखा गया है।