महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दो साल पहले भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभालने वाले विराट कोहली का कप्तानी का अब तक का रिकॉर्ड शानदार रहा है और उनका मानना है कि अच्छी कप्तानी की कुंजी साहसिक फैसले लेने और नतीजे की परवाह किए बिना उनका डटकर समर्थन करने में है. इतना ही नहीं कप्तान कोहली पूर्व टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के भी कायल हैं और उन्हें प्रेरक बताया है.
कोहली की कप्तानी में भारत ने 16 में से नौ टेस्ट जीते और सिर्फ दो गंवाए, जबकि पांच ड्रॉ रहे. कप्तान के तौर पर अपनी सरजमीं पर वह एक भी टेस्ट नहीं हारे हैं.
वहीं कोहली खुद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के कायल हैं. उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘कई बार फैसले लेना काफी कठिन होता है और इसके लिए काफी हिम्मत चाहिए होती है. मैंने धोनी से बहुत कुछ सीखा है. आपके फैसले सही या गलत हो सकते हैं, लेकिन उन पर डटे रहने के लिए साहस चाहिए और यही कप्तान की निशानी है.’
उनका मानना है कि कप्तानी की जिम्मेदारी ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया है. उन्होंने कहा, ‘देश की टेस्ट टीम का कप्तान होना फख्र की बात है. मुझे इस पर गर्व है. मेरे लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं. इस अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुझे बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद मिली.’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए सफेद जर्सी पहनकर मैदान पर उतरना फख्र की बात है. टेस्ट क्रिकेट जैसी परीक्षा किसी और प्रारूप में नहीं होती.’ कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक तक पहुंची और उनका लक्ष्य इस लय को कायम रखना है. उन्होंने कहा, ‘हम विश्व स्तरीय टीम बनना चाहते हैं और हमारी टीम के हर खिलाड़ी के जेहन में यही है. आप किसी भी प्रारूप में खेलें, आपका लक्ष्य यही होता है.’
कोहली ने कहा, ‘टेस्ट टीम को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने में मुझे गर्व महसूस होता है और मजा आता है. खुद को आजमाने की यह चुनौती है और पूरी टीम के साथ एक लक्ष्य की ओर हम बढ़ रहे हैं. इसमें कोई दबाव महसूस नहीं होता. महान खिलाड़ी बनने के लिए आपको एक टीम के रूप में अच्छा खेलना होता है जिसके बाद ही निजी प्रदर्शन मायने रखता है.’
उन्होंने कहा, ‘उतार-चढ़ाव तो आएंगे जब आपको आलोचना और नकारात्मक चीजों का सामना भी करना पड़ेगा, लेकिन इसी में असल परीक्षा होती है.’
कोहली की कप्तानी में भारत ने 16 में से नौ टेस्ट जीते और सिर्फ दो गंवाए, जबकि पांच ड्रॉ रहे. कप्तान के तौर पर अपनी सरजमीं पर वह एक भी टेस्ट नहीं हारे हैं.
वहीं कोहली खुद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के कायल हैं. उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘कई बार फैसले लेना काफी कठिन होता है और इसके लिए काफी हिम्मत चाहिए होती है. मैंने धोनी से बहुत कुछ सीखा है. आपके फैसले सही या गलत हो सकते हैं, लेकिन उन पर डटे रहने के लिए साहस चाहिए और यही कप्तान की निशानी है.’
उनका मानना है कि कप्तानी की जिम्मेदारी ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया है. उन्होंने कहा, ‘देश की टेस्ट टीम का कप्तान होना फख्र की बात है. मुझे इस पर गर्व है. मेरे लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं. इस अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुझे बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद मिली.’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए सफेद जर्सी पहनकर मैदान पर उतरना फख्र की बात है. टेस्ट क्रिकेट जैसी परीक्षा किसी और प्रारूप में नहीं होती.’ कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक तक पहुंची और उनका लक्ष्य इस लय को कायम रखना है. उन्होंने कहा, ‘हम विश्व स्तरीय टीम बनना चाहते हैं और हमारी टीम के हर खिलाड़ी के जेहन में यही है. आप किसी भी प्रारूप में खेलें, आपका लक्ष्य यही होता है.’
कोहली ने कहा, ‘टेस्ट टीम को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने में मुझे गर्व महसूस होता है और मजा आता है. खुद को आजमाने की यह चुनौती है और पूरी टीम के साथ एक लक्ष्य की ओर हम बढ़ रहे हैं. इसमें कोई दबाव महसूस नहीं होता. महान खिलाड़ी बनने के लिए आपको एक टीम के रूप में अच्छा खेलना होता है जिसके बाद ही निजी प्रदर्शन मायने रखता है.’
उन्होंने कहा, ‘उतार-चढ़ाव तो आएंगे जब आपको आलोचना और नकारात्मक चीजों का सामना भी करना पड़ेगा, लेकिन इसी में असल परीक्षा होती है.’
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