सिडनी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया टॉस हारने के बाद पहले गेंदबाज़ी कर रही है। ज्यादातर विश्लेषक ये मान रहे हैं कि सिडनी में पहले खेलने वाली टीम को फायदा मिलेगा।
सुनील गावस्कर जैसे लीजेंड क्रिकेटर ने भी टॉस जीतने पर टीम इंडिया को पहले खेलने की सलाह दी थी। बावजूद इसके टीम इंडिया को बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसकी चार वजहें निम्न हैं-
1. सलामी जोड़ी की नाकामी - ऑस्ट्रेलियाई टीम ने कभी भी वो वनडे मैच नहीं गंवाया है, जब उसके सलामी बल्लेबाज़ों ने पहले विकेट के लिए 50 या उससे ज्यादा रनों की साझेदारी निभाई हो, लेकिन सिडनी में डेविड वॉर्नर और एरॉन फिंच की जोड़ी महज 15 रन ही जोड़ सकी है।
2. तेज गेंदबाज़ों की तिकड़ी - भारत के तेज गेंदबाज़ पूरी तरह लय में हैं। मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहित शर्मा की तिकड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। डेविड वॉर्नर का विकेट झटक कर उमेश यादव ने सेमीफ़ाइनल में भी टीम को शानदार शुरुआत दी है।
3. धोनी और कोहली बेहतरीन फिनिशर - मौजूदा समय में क्रिकेट की दुनिया में बाद में बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को जीत दिलाने वाले जो दो सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं, वो हैं विराट कोहली और टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। विराट कोहली इस मैच से पहले ही कह चुके हैं कि ऑस्ट्रेलिया को हराने का सही समय आ गया है। लिहाजा अब उनके सामने विकेट पर टिककर टीम इंडिया को जीत दिलाने की चुनौती होगी।
4. सिडनी का रिकॉर्ड - सिडनी में बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली आसानी से जीत हासिल करती रही है। ये आंकड़े बोलते हैं. पिछले 12 मैचों में यहां 9 मैच में बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम जीती है. पिछले दो मैच तो इसी वर्ल्ड कप के हुए हैं, जिसमें इंग्लैंड ने अफगानिस्तान को और श्रीलंका ने दक्षिण अफ्रीका को 9-9 विकेट से हराया है।
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