विराट कोहली ने पिछले साल रवि शास्त्री को कोच पद के लिए अपनी पसंद बताया था (फाइल फोटो)
खास बातें
- टीम इंडिया के डायरेक्टर के पद पर रह चुके हैं रवि शास्त्री
- उनके दौड़ में आने के बाद सोशल मीडिया पर हुए रोचक कमेंट्स
- टीम इंडिया के कोच पद से इस्तीफा दे चुके हैं अनिल कुंबले
अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री ने मंगलवार को टीम इंडिया के कोच पद के लिए आवेदन करने का निर्णय लिया है. शास्त्री इससे पहले टीम इंडिया के डायरेक्टर पद पर रह चुके हैं. उन्होंने पिछले साल भी कोच पद के लिए आवेदन किया था लेकिन तब अनिल कुंबले को उन पर प्राथमिकता दी गई थी. खास बात यह है कि टीम इंडिया ने जब पहली बार टीम इंडिया पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे तब शास्त्री आवेदन करने वालों में शामिल नहीं थे. उस समय वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस और लालचंद राजपूत आदि आवेदन करने वालों में थे.
रवि शास्त्री के कोच पद पर आवेदन करने के फैसले के साथ ही सोशल मीडिया पर चुटीली चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. कुछ क्रिकेट प्रशंसकों ने तो शास्त्री की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की जिन पर आलोचक 10 साल के कार्यकाल के दौरान अहम मुद्दों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते रहे हैं. मनमोहन सिंह की इस बात के लिए आलोचना की जाती रही है कि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान 'पॉलिसी पैरालिसिस' की स्थिति पैदा हो गई थी और लंबित आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का काम रुक गया था. जानिए रवि शास्त्री के कोच पद के लिए आवेदन करने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने किस अंदाज में प्रतिक्रिया जताई..
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि रवि शास्त्री को कप्तान कोहली ने पिछले वर्ष कोच पद के अपनी पसंद बताया था लेकिन बीसीसीआई की सलाहकार समिति ने इस पद के लिए कुंबले को चुना था. अब जब टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर शास्त्री ने कोच पद की जंग में अपनी दावेदारी पेश कर दी है तो फैंस ने शास्त्री-कोहली की जोड़ी की तुलना सिंह-गांधी के साथ की है. वैसे यह बात किसी से छुपी नहीं है कि रवि शास्त्री के कोच चुनने वाली सलाहकार समिति के एक सदस्य सौरव गांगुली के साथ अच्छे संबंध नहीं है. पिछले वर्ष कुंबले के कोच चुने जाने के बाद शास्त्री और गांगुली के बीच सार्वजनिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. बाद में विज्डन इंडिया से बात करते हुए शास्त्री ने महेंद्र सिंह धोनी को 'दादा कैप्टन' बताया था. यहां तक कि उन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में भी सौरव गांगुली को स्थान नहीं दिया था.