फाइल फोटो : अजिंक्य रहाणे
नई दिल्ली:
अजिंक्य रहाणे को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मुक़ाबले में एमएस धोनी ने भले ड्रॉप किया हो, लेकिन बीते दो साल के उनके प्रदर्शन का आखिरकार उन्हें इनाम मिल ही गया।
27 साल के रहाणे को जिंबाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है। क्रिकेट करियर में पहली बार रहाणे को किसी बड़ी टीम की कप्तानी का मौका मिला है और वो भी सीधे टीम इंडिया की टीम है।
अजिंक्य रहाणे ने बीते एक साल के दौरान 25 वनडे मैचों में दो शतक सहित 839 रन बनाए हैं, लेकिन इस दौरान वे बड़े ही भरोसेमंद बल्लेबाज़ बनकर उभरे हैं। टेस्ट मैचों में भी वे भारत की ओर से खासे कामयाब बल्लेबाज़ रहे हैं। उन्होंने तीन टेस्ट शतक बनाए हैं और तीनों विदेशी पिचों पर।
रहाणे को जिंबाब्वे दौरे के लिए मिली कप्तानी की सबसे बड़ी वजह तो यही है कि छह सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिए जाने के बाद रहाणे मौजूदा टीम के ऐसे खिलाड़ी दिखाई देते हैं, जिनको लेकर चयनकर्ता भविष्य का दांव खेल सकते थे। मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने भी कहा है कि रहाणे का प्रदर्शन बीते दो सालों में बहुत अच्छा रहा है।
वैसे टीम में हरभजन सिंह और मुरली विजय जैसे सीनियर खिलाड़ी जरूर मौजूद हैं, लेकिन मुरली विजय अब तक वनडे टीम के स्थायी सदस्य नहीं बन पाए हैं जबकि हरभजन सिंह चार साल बाद वनडे टीम में वापसी कर रहे हैं। ऐसे में चयनकर्ताओं के सामने रहाणे से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता था।
इसके अलावा रहाणे ने खुद को बेहद कम समय में मैच्योर क्रिकेटर के तौर पर विकसित किया है। मुश्किल समय में रहाणे खुद पर पर नियंत्रण रखना बखूबी जानते हैं। ऐसे में जिंबाब्वे दौरे पर उन्हें एक कप्तान के तौर पर खुद की काबिलियत साबित करनी होगी।
27 साल के रहाणे को जिंबाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है। क्रिकेट करियर में पहली बार रहाणे को किसी बड़ी टीम की कप्तानी का मौका मिला है और वो भी सीधे टीम इंडिया की टीम है।
अजिंक्य रहाणे ने बीते एक साल के दौरान 25 वनडे मैचों में दो शतक सहित 839 रन बनाए हैं, लेकिन इस दौरान वे बड़े ही भरोसेमंद बल्लेबाज़ बनकर उभरे हैं। टेस्ट मैचों में भी वे भारत की ओर से खासे कामयाब बल्लेबाज़ रहे हैं। उन्होंने तीन टेस्ट शतक बनाए हैं और तीनों विदेशी पिचों पर।
रहाणे को जिंबाब्वे दौरे के लिए मिली कप्तानी की सबसे बड़ी वजह तो यही है कि छह सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिए जाने के बाद रहाणे मौजूदा टीम के ऐसे खिलाड़ी दिखाई देते हैं, जिनको लेकर चयनकर्ता भविष्य का दांव खेल सकते थे। मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने भी कहा है कि रहाणे का प्रदर्शन बीते दो सालों में बहुत अच्छा रहा है।
वैसे टीम में हरभजन सिंह और मुरली विजय जैसे सीनियर खिलाड़ी जरूर मौजूद हैं, लेकिन मुरली विजय अब तक वनडे टीम के स्थायी सदस्य नहीं बन पाए हैं जबकि हरभजन सिंह चार साल बाद वनडे टीम में वापसी कर रहे हैं। ऐसे में चयनकर्ताओं के सामने रहाणे से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता था।
इसके अलावा रहाणे ने खुद को बेहद कम समय में मैच्योर क्रिकेटर के तौर पर विकसित किया है। मुश्किल समय में रहाणे खुद पर पर नियंत्रण रखना बखूबी जानते हैं। ऐसे में जिंबाब्वे दौरे पर उन्हें एक कप्तान के तौर पर खुद की काबिलियत साबित करनी होगी।
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