विराट कोहली (फाइल फोटो)
कानपुर.:
गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली का मानना है कि वह उनकी टीम के निचले क्रम के बल्लेबाज थे जिन्होंने टीम की ऐतिहासिक 500वें टेस्ट मैच में जीत के दौरान न्यूजीलैंड पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया. कोहली ने भारत की पहले टेस्ट मैच में 197 रन से जीत के बाद कहा,‘टेस्ट क्रिकेट में सबसे महत्वपूर्ण चीज निचले क्रम में मजबूत बल्लेबाजी होती है जो कि उपयोगी योगदान दे सके और इस क्षेत्र में हम गेंदबाजों के साथ काम कर रहे हैं. अश्विन से लेकर हर कोई योगदान देना चाहता है और इससे विरोधी टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ा.’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें लग रहा था कि वे हमें 300 रन के आसपास आउट कर देंगे लेकिन जब 340-360 रन बने तो हमने पकड़ बना दी. हमने इस विभाग में सुधार किया है और हमें इस पर काम करते रहना होगा क्योंकि जब आप विदेशों में खेल रहे होते हैं तो ये 40-50 रन अहम होते हैं.’ रविंद्र जडेजा ने पहले टेस्ट मैच में नाबाद 42 और 50 रन बनाए जबकि अश्विन ने पहली पारी में 40 रन की पारी खेली.
कोहली ने कहा, ‘खिलाड़ियों ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया. शुरू में जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे हम लय में थे लेकिन इसके बाद एक दो बल्लेबाज आसानी से विकेट गंवाकर पेवेलियन लौट गए. लेकिन जडेजा और अश्विन ने पहली पारी में वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. उमेश यादव ने भी योगदान दिया और इन 30 -40 रन से मनोवैज्ञानिक अंतर पैदा किया.’ कोहली ने कहा, ‘मैं अब भी कप्तानी में अपने शुरुआती दौर में हूं और मैं अन्य से सलाह लेता हूं. पूर्व में हम एकतरफा आक्रमण करते थे और फिर रन गंवाते थे. हमने इससे सीख ली कि जब विकेट नहीं मिल रहे हों तो हमें धैर्य बनाये रखना होगा. रन प्रवाह रोकना होगा और बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा. ’
कोहली ने इसे यादगार जीत करार दिया लेकिन न्यूजीलैंड के जज्बे की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘यह यादगार टेस्ट मैच था. यह दूसरे दिन से अच्छा बन गया था जब न्यूजीलैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. तब मैं और अश्विन बात कर रहे थे कि यह रोमांचक टेस्ट मैच होगा और हमें उन्हें दबाव में लाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘उन्होंने अच्छी चुनौती पेश की जैसा कि आप विरोधी टीम से देखना पसंद करते हो. मेरा मानना है कि न्यूजीलैंड को भी श्रेय जाता है जो मैच पांचवें दिन के दूसरे सत्र तक खिंचा. मुझे पूरा विश्वास है कि सीरीज के बाकी मैच अधिक कड़े होंगे.’
मैन ऑफ द मैच चुने गये जडेजा ने अपने आलराउंड प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘मुझे बल्ले से अपनी भूमिका निभाने की जरूरत थी. इसलिये मैंने शुरू में समय लेने का प्रयास किया ताकि मैं अपने शॉट खेल सकूं. दलीप ट्राफी में खेलने से मुझे काफी मदद मिली. मुझे वहां विकेट मिले थे. इसलिए मैं आत्मविश्वास से भरा था और जब भी मैं उछाल भरी पिच पर गेंदबाजी करता हूं मुझे विकेट मिलते हैं. इसलिये मैं इसी पर ध्यान लगाना चाहता था और मैं अपनी गेंदबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं. ’.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘उन्हें लग रहा था कि वे हमें 300 रन के आसपास आउट कर देंगे लेकिन जब 340-360 रन बने तो हमने पकड़ बना दी. हमने इस विभाग में सुधार किया है और हमें इस पर काम करते रहना होगा क्योंकि जब आप विदेशों में खेल रहे होते हैं तो ये 40-50 रन अहम होते हैं.’ रविंद्र जडेजा ने पहले टेस्ट मैच में नाबाद 42 और 50 रन बनाए जबकि अश्विन ने पहली पारी में 40 रन की पारी खेली.
कोहली ने कहा, ‘खिलाड़ियों ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया. शुरू में जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे हम लय में थे लेकिन इसके बाद एक दो बल्लेबाज आसानी से विकेट गंवाकर पेवेलियन लौट गए. लेकिन जडेजा और अश्विन ने पहली पारी में वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. उमेश यादव ने भी योगदान दिया और इन 30 -40 रन से मनोवैज्ञानिक अंतर पैदा किया.’ कोहली ने कहा, ‘मैं अब भी कप्तानी में अपने शुरुआती दौर में हूं और मैं अन्य से सलाह लेता हूं. पूर्व में हम एकतरफा आक्रमण करते थे और फिर रन गंवाते थे. हमने इससे सीख ली कि जब विकेट नहीं मिल रहे हों तो हमें धैर्य बनाये रखना होगा. रन प्रवाह रोकना होगा और बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा. ’
कोहली ने इसे यादगार जीत करार दिया लेकिन न्यूजीलैंड के जज्बे की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘यह यादगार टेस्ट मैच था. यह दूसरे दिन से अच्छा बन गया था जब न्यूजीलैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. तब मैं और अश्विन बात कर रहे थे कि यह रोमांचक टेस्ट मैच होगा और हमें उन्हें दबाव में लाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘उन्होंने अच्छी चुनौती पेश की जैसा कि आप विरोधी टीम से देखना पसंद करते हो. मेरा मानना है कि न्यूजीलैंड को भी श्रेय जाता है जो मैच पांचवें दिन के दूसरे सत्र तक खिंचा. मुझे पूरा विश्वास है कि सीरीज के बाकी मैच अधिक कड़े होंगे.’
मैन ऑफ द मैच चुने गये जडेजा ने अपने आलराउंड प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘मुझे बल्ले से अपनी भूमिका निभाने की जरूरत थी. इसलिये मैंने शुरू में समय लेने का प्रयास किया ताकि मैं अपने शॉट खेल सकूं. दलीप ट्राफी में खेलने से मुझे काफी मदद मिली. मुझे वहां विकेट मिले थे. इसलिए मैं आत्मविश्वास से भरा था और जब भी मैं उछाल भरी पिच पर गेंदबाजी करता हूं मुझे विकेट मिलते हैं. इसलिये मैं इसी पर ध्यान लगाना चाहता था और मैं अपनी गेंदबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं. ’.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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