रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच पिछले साल बयानबाजी का लंबा दौर चला था (फाइल फोटो)
टीम इंडिया के बॉलिंग कोच की नियुक्ति के मामले में आखिर मुख्य कोच रवि शास्त्री अपनी बात मनवाने में सफल रहे. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने शास्त्री की पसंद भरत अरुण को वर्ष 2019 तक के लिए गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है. उनकी इस नियुक्ति के बाद जहीर खान की गेंदबाजी सलाहकार और राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में नियुक्ति को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. गौरतलब है कि सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेटर सलाहकार समिति ने जहीर की बॉलिग कोच और द्रविड़ की बैटिंग कोच के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की थी. समिति ने यह भी कहा था कि इन दोनों के बारे में मुख्य कोच शास्त्री से बात करके सहमति ले ली गई है.
बहरहाल, मंगलवार का घटनाक्रम बदला हुआ रहा और भरत अरुण की नियुक्ति को लेकर रवि शास्त्री अपनी बात मनवाने में सफल रहे. इस नियुक्ति के बाद शास्त्री ने जो कुछ कहा उससे ऐसा लगा कि वे सीओए और खासतौर पर सौरव गांगुली पर तंज कस रहे हैं. हर कोई इस बात से वाफिक है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच संबंध मधुर नहीं है. पिछले वर्ष जब अनिल कुंबले को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया गया था तो इसके बाद शास्त्री और गांगुली ने एक-दूसरे के खिलाफ तल्ख बयान दिए थे. पिछले वर्ष भी शास्त्री कोच पद की दौड़ में थे लेकिन कुंबले से पिछड़ गए थे.
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भरत अरुण के बॉलिंग कोच बनने के बाद रवि शास्त्री ने कहा, 'मैं पहले से ही इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट था कि मुझे अपनी टीम में कौन चाहिए. मैं इंग्लैंड में टेनिस देख रहा था उस समय भी मेरे दिमाग में यह साफ था कि मेरी कोर टीम में कौन रहेगा.' वहीं जहीर और द्रविड़ के बारे में उन्होंने कहा कि सब कुछ इन दोनों दिग्गजों की उपलब्धता पर निर्भर करता है. यह देखना होगा कि वे टीम को कितने दिन दे पाते हैं. निश्चित रूप से उनके इनपुट टीम इंडिया के लिए अमूल्य होंगे और इन दोनों का स्वागत है. रवि शास्त्री यह कहने से भी नहीं चूके कि उनकी इन दोनों दिग्गज क्रिकेटरों से बात हुई है.
रवि शास्त्री की टिप्पणी पर तब गांगुली ने यह दिया था जवाब
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कुंबले की कोच पद पर नियुक्ति के बाद रवि शास्त्री और गांगुली के बीच बयानों का दौर चल था. दरअसल पिछले साल कोच नहीं बनाये जाने के बाद रवि शास्त्री ने अख़बारों को दिए गए इंटरव्यू में बयान दिया था कि सौरव गांगुली ने उनका अनादर किया. शास्त्री ने उस समय यह भी कहा था कि वह नाराज नहीं, लेकिन मायूस ज़रूर हैं. इसके बाद सौरव गांगुली ने मीडिया में आकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. एक टीवी इंटरव्यू में गांगुली ने कहा था कि रवि शास्त्री को उस इंटरव्यू के बारे में पूरे तथ्य नहीं पता हैं और उन्होंने उनके बारे में गलत प्रतिक्रिया दी है. गांगुली ने यह कहा है कि यदि शास्त्री कोच नहीं बनाए जाने के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हैं, तो वह 'मूर्खों की दुनिया' में रह रहे हैं. गांगुली ने कहा था," मैं बेहद दुखी और नाराज हूं. उन्हें (रवि को) थोड़ी सी तो परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। उन्हें उस घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है." गांगुली ने यह भी कहा था कि मुख्य कोच पर पर दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले की नियुक्ति समिति का सामूहिक निर्णय था.
बहरहाल, मंगलवार का घटनाक्रम बदला हुआ रहा और भरत अरुण की नियुक्ति को लेकर रवि शास्त्री अपनी बात मनवाने में सफल रहे. इस नियुक्ति के बाद शास्त्री ने जो कुछ कहा उससे ऐसा लगा कि वे सीओए और खासतौर पर सौरव गांगुली पर तंज कस रहे हैं. हर कोई इस बात से वाफिक है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच संबंध मधुर नहीं है. पिछले वर्ष जब अनिल कुंबले को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया गया था तो इसके बाद शास्त्री और गांगुली ने एक-दूसरे के खिलाफ तल्ख बयान दिए थे. पिछले वर्ष भी शास्त्री कोच पद की दौड़ में थे लेकिन कुंबले से पिछड़ गए थे.
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