
विराट की छवि मैदान पर अपनी भावनाओं का खुलकर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी की है (फाइल फोटो)
- कपिल ने कहा-हर खिलाड़ी का अपना स्वभाव होता है
- धोनी कप्तान के तौर पर शांत थे तो विराट आक्रामक हैं
- सीरीज के नतीजे पर कोई अनुमान लगाने से किया इनकार
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कपिल मानते हैं कि कप्तानों का आक्रामक होना जरूरी है लेकिन यह तभी तक अच्छा है जब तक वे अपनी सीमाओं में रहते हैं. भारत के लिए सबसे पहले 400 टेस्ट विकेटों का आंकड़ा पार करने वाले कपिल ने इसे लेकर कहा, 'अगर एक सीरीज में दोनों कप्तान आक्रामक हैं तो यह क्रिकेट के लिए अच्छा है. यह अच्छी प्रतिस्पर्धा को जन्म देगा लेकिन यह तब तक ही अच्छा है जब दोनों अपना सीमाओं को न लांघें. उन्हें क्रिकेट की गरिमा का ख्याल करना चाहिए. इसके अलावा खेल में सब जायज है."
ऑस्ट्रेलिया के दो अहम खिलाड़ी-बल्लेबाज मिशेल मार्श और तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क चोट के कारण सीरीज से बाहर हो चुके हैं. क्या इनके बाहर होने से ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन पर कोई असर दिखेगा या फिर भारत को सीरीज जीतने में आसानी होगी? इसे लेकर कपिल ने कहा, "इससे क्या फर्क पड़ता है. घायल हैं तो हैं. हमने तो उन्हें नहीं कहा कि वे घायल हों. हमें इन चीजों में नहीं उलझना चाहिए. हमें तो बस खेल का लुत्फ लेना चाहिए. हमें उन्हें हराना है और हमें अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहिए." कपिल ने हालांकि यह भविष्यवाणी करने से इंकार किया कि 1-1 की बराबरी के बाद सीरीज किसके नाम होगी. उन्होंने कहा, "इससे क्या फर्क पड़ता है. आप बस क्रिकेट देखो और इसका लुत्फ लो अच्छी क्रिकेट हो रही है और इसका आनंद लिया जाना चाहिए. हमें और किसी बात में नहीं उलझना चाहिए. इंजॉय करो."
डीआरएस को लेकर कपिल काफी स्पष्ट राय रखते हैं. उनका कहना है कि अगर पूरी दुनिया इसे अपना रही है तो फिर भारत इससे कैसे पीछे हट सकता है और फिर क्रिकेट में एक बड़ा नाम होने के कारण भारत को यह भी देखना होगा कि विश्व क्रिकेट की भलाई किस बात में है और उसे उसी हिसाब से फैसले करने चाहिए. कपिल ने कहा, "अगर सारी दुनिया डीआरएस ले रही है तो ठीक है। इसमें कोई बुराई नहीं. अगर क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है तो हमें उसे स्वीकार करना चाहिए. हम उसे कैसे नकार सकते हैं. हां, हमें किसी को मौका नहीं देना चाहिए कि वह हमारे फैसलों पर सवाल खड़ा करे. हां, यह एक नई चीज है और वक्त के साथ हमारे खिलाड़ी और कप्तान इसे लेकर परिपक्व होंगे. हमें यह देखना होगा कि डीआरएस से कैसे विश्व क्रिकेट को फायदा हो रहा है. हमें सिर्फ भारतीय क्रिकेट के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि क्रिकेट वैश्विक खेल है और इसका वैश्विक विकास ही सबके हित में है." (आईएएनएस से इनपुट)
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