मुंबई:
अंडर-19 विश्व कप जीतकर लौटी भारतीय टीम का जोरदार स्वागत किया गया। कप्तान उन्मुक्त चंद ने इस अवसर पर कहा कि शुरू में लड़खड़ाने के बावजूद उनके खिलाड़ियों को खिताब जीतने का पूरा विश्वास था।
दिल्ली के इस युवा बल्लेबाज ने कहा, ‘टूर्नामेंट में शुरू में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन बाद में हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हम थोड़ा लड़खड़ाए लेकिन सही समय पर हम अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म हासिल करने में सफल रहे।’ उन्होंने कहा, ‘सबसे अहम बात यह थी कि हमें नहीं पता था कि भारत में क्या हो रहा है और इससे हमारा ध्यान लक्ष्य पर लगा रहा। खिलाड़ी जीत के प्रति काफी आश्वस्त थे और हमें शुरू से लग रहा था कि हम ट्राफी जीतने में सफल रहेंगे। इस विश्वास के दम पर हम टूर्नामेंट में आगे बढ़ने और खिताब जीतने में सफल रहे।’
भारत की तरफ से छह मैच में सर्वाधिक 246 रन बनाने वाले उन्मुक्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में नाबाद 111 रन बनाए। उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में बल्लेबाजों की असफलता के कारण हार मिलने के बावजूद खिलाड़ी सकारात्मक बने रहे। उन्मुक्त ने कहा, ‘सभी बल्लेबाज रन बनाने के लिए क्रीज पर उतरते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है। हम वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला मैच हार गए थे लेकिन हमने गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में अच्छा प्रदर्शन किया। ऐसा नहीं है कि मैं रन नहीं बनाना चाहता था लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि मैंने फाइनल में तब रन बनाए जबकि टीम को इसकी सख्त जरूरत थी।’
दिल्ली के इस युवा बल्लेबाज ने कहा, ‘टूर्नामेंट में शुरू में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन बाद में हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हम थोड़ा लड़खड़ाए लेकिन सही समय पर हम अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म हासिल करने में सफल रहे।’ उन्होंने कहा, ‘सबसे अहम बात यह थी कि हमें नहीं पता था कि भारत में क्या हो रहा है और इससे हमारा ध्यान लक्ष्य पर लगा रहा। खिलाड़ी जीत के प्रति काफी आश्वस्त थे और हमें शुरू से लग रहा था कि हम ट्राफी जीतने में सफल रहेंगे। इस विश्वास के दम पर हम टूर्नामेंट में आगे बढ़ने और खिताब जीतने में सफल रहे।’
भारत की तरफ से छह मैच में सर्वाधिक 246 रन बनाने वाले उन्मुक्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में नाबाद 111 रन बनाए। उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में बल्लेबाजों की असफलता के कारण हार मिलने के बावजूद खिलाड़ी सकारात्मक बने रहे। उन्मुक्त ने कहा, ‘सभी बल्लेबाज रन बनाने के लिए क्रीज पर उतरते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है। हम वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला मैच हार गए थे लेकिन हमने गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में अच्छा प्रदर्शन किया। ऐसा नहीं है कि मैं रन नहीं बनाना चाहता था लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि मैंने फाइनल में तब रन बनाए जबकि टीम को इसकी सख्त जरूरत थी।’
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