पर्थ:
रन बनाने के लिए जूझ रहे भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज में अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरकर पूरे देश को नीचा दिखाया। भारत चार मैच की सीरीज में 0-3 से पीछे चल रहा है और उस पर इंग्लैंड के बाद लगातार दूसरे दौरे में सभी टेस्ट मैच गंवाने का खतरा मंडरा रहा है।
गंभीर ने नेट्स पर अभ्यास के बाद कहा, ‘‘हमने पूरे देश को नीचा दिखाया और हमें यह स्वीकार करना होगा। स्वदेश में लोग नाराज हैं और हम उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। हमने लोगों को खुद की आलोचना करने का मौका दिया है। हमने अच्छी क्रिकेट नहीं खेली और जिस तरह की हमारी बल्लेबाजी है उसे देखते हुए अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उस आम आदमी को नीचा दिखाया जो हमसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा था और मैं इसे स्वीकार करता हूं। हमें जितनी जल्दी हो इसे बदलना होगा।’’ बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अभी तक छह पारियों में 24.00 की औसत से 144 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों में नहीं हूं जो जिम्मेदारी लेने में हिचकिचाता हो। यदि आप नंबर एक बनना चाहते हो तो आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा और विदेशों में जीतना होगा। चाहे वह इंग्लैंड हो, दक्षिण अफ्रीका या फिर ऑस्ट्रेलिया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना होता है। यदि आप शतक बनाते हो तो अच्छी बात है। शून्य से शतक तक की लम्बी यात्रा होती है और हम सभी जानते हैं कि बल्लेबाज के लिए एक गेंद का खेल होता है। मैं शतक लगाने को लेकर दबाव में नहीं हूं। यदि मैं लगातार अर्धशतक भी बनाता रहता हूं तो मुझे खुशी होगी।’’ गंभीर ने इसके साथ ही कहा कि किसी एक पर दोष मढ़ना सही नहीं होगा क्योंकि यह सामूहिक असफलता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सचिन के 100वें शतक की तुलना में सीरीज जीतने में अधिक खुशी होती। इसके विपरीत यदि सचिन शतक बना लेते और हम हार जाते तो इससे हमें खुशी नहीं मिलती। किसी के व्यक्तिगत प्रदर्शन से नहीं बल्कि सब कुछ सीरीज जीतने से जुड़ा है।’’
गंभीर पर सवालों की बौछार हो रही थी। अब जबकि महेंद्र सिंह धोनी एडिलेड टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे तब वीरेंद्र सहवाग टीम की कमान संभालेंगे। क्या इससे टीम में नया उत्साह दिखेगा, इस सवाल पर गंभीर ने कहा, ‘‘वह आक्रामक कप्तान होगा लेकिन मेरा हमेशा मानना रहा है कि टीम अच्छी है तो कप्तान भी अच्छा होगा। कप्तान महान नहीं होता। कप्तान अंतर पैदा नहीं करता। मैदान में उतरे 11 खिलाड़ी अंतर पैदा करते हैं। यदि पूरी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो केवल धोनी को दोष नहीं दिया जा सकता। केवल उसे ही नहीं पूरी टीम को प्रदर्शन करना होता है। हमें इकाई के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।’’
गंभीर ने नेट्स पर अभ्यास के बाद कहा, ‘‘हमने पूरे देश को नीचा दिखाया और हमें यह स्वीकार करना होगा। स्वदेश में लोग नाराज हैं और हम उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। हमने लोगों को खुद की आलोचना करने का मौका दिया है। हमने अच्छी क्रिकेट नहीं खेली और जिस तरह की हमारी बल्लेबाजी है उसे देखते हुए अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उस आम आदमी को नीचा दिखाया जो हमसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा था और मैं इसे स्वीकार करता हूं। हमें जितनी जल्दी हो इसे बदलना होगा।’’ बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अभी तक छह पारियों में 24.00 की औसत से 144 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों में नहीं हूं जो जिम्मेदारी लेने में हिचकिचाता हो। यदि आप नंबर एक बनना चाहते हो तो आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा और विदेशों में जीतना होगा। चाहे वह इंग्लैंड हो, दक्षिण अफ्रीका या फिर ऑस्ट्रेलिया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना होता है। यदि आप शतक बनाते हो तो अच्छी बात है। शून्य से शतक तक की लम्बी यात्रा होती है और हम सभी जानते हैं कि बल्लेबाज के लिए एक गेंद का खेल होता है। मैं शतक लगाने को लेकर दबाव में नहीं हूं। यदि मैं लगातार अर्धशतक भी बनाता रहता हूं तो मुझे खुशी होगी।’’ गंभीर ने इसके साथ ही कहा कि किसी एक पर दोष मढ़ना सही नहीं होगा क्योंकि यह सामूहिक असफलता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सचिन के 100वें शतक की तुलना में सीरीज जीतने में अधिक खुशी होती। इसके विपरीत यदि सचिन शतक बना लेते और हम हार जाते तो इससे हमें खुशी नहीं मिलती। किसी के व्यक्तिगत प्रदर्शन से नहीं बल्कि सब कुछ सीरीज जीतने से जुड़ा है।’’
गंभीर पर सवालों की बौछार हो रही थी। अब जबकि महेंद्र सिंह धोनी एडिलेड टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे तब वीरेंद्र सहवाग टीम की कमान संभालेंगे। क्या इससे टीम में नया उत्साह दिखेगा, इस सवाल पर गंभीर ने कहा, ‘‘वह आक्रामक कप्तान होगा लेकिन मेरा हमेशा मानना रहा है कि टीम अच्छी है तो कप्तान भी अच्छा होगा। कप्तान महान नहीं होता। कप्तान अंतर पैदा नहीं करता। मैदान में उतरे 11 खिलाड़ी अंतर पैदा करते हैं। यदि पूरी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो केवल धोनी को दोष नहीं दिया जा सकता। केवल उसे ही नहीं पूरी टीम को प्रदर्शन करना होता है। हमें इकाई के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।’’
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