टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व धुरंधर सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मिली कामयाबी के पीछे 'दादा' का हाथ है. हमेशा अपने ट्वीट के कारण सुर्खियों में रहने वाले मुल्तान के 'सुल्तान' ने यह कहकर एक बार फिर चर्चा में बने हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से एक टीवी कार्यक्रम में बातचीत के दौरान सहवाग ने कहा कि धोनी सौरव गांगुली के कारण ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में जगह बना पाए हैं.
यह भी पढ़ें : सहवाग ने इस मैच में सचिन को गुस्से से कर दिया था लाल-पीला, जिसके बाद पड़ी थी जमकर डांट
गांगुली ने दी कुर्बानी
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उस समय हम बल्लेबाजी ऑर्डर में एक्सपेरिमेंट करते थे. उन्होंने कहा, हम फैसला करते थे कि अगर सलामी जोड़ी ने अच्छा खेल दिखाया तो गांगुली को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा. वहीं अगर खराब पार्टनरशिप होती थी तो इरफान और धोनी जैसे हिटर्स मैदान पर उतरेंगे. इसके बाद गांगुली ने फैसला लिया कि वे धोनी को अपनी जगह तीसरे नंबर पर खेलने का मौका देंगे. एक टीवी कार्यक्रम में वीरू ने कहा कि गांगुली हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देते थे. अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धोनी आज दुनिया के बड़े खिलाड़ी नहीं होते.
यह भी पढ़ें : सहवाग ने कसा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर तंज, कहा-IPL के कारण स्लेजिंग नहीं कर रहे हैं
सौरव-सहवाग में छिड़ी थी 'जंग'
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सहवाग के सनसनीखेज बयान के बाद अब सौरव गांगुली और उनके बीच सोशल मीडिया पर 'जंग' छिड़ गई थी. सहवाग ने कहा था कि बोर्ड में 'सेटिंग' की कमी के कारण वह टीम के मुख्य कोच नहीं बन सके. बता दें कि सौरव, सचिन और वीवीएस लक्ष्मण वाली सलाहकार समिति ने ही रवि शास्त्री को भारतीय कोच पद के लिए चुना था.
VIDEO: सौरव गांगुली ने सहवाग के बयान को बेतुका बताया
सहवाग ने एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में यह दावा किया था कि बीसीसीआई में शामिल अधिकारियों का संरक्षण नहीं मिलने के कारण वह कोच बनने से चूक गए और दोबारा इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे. उन्होंने बोर्ड अधिकारियों के एक वर्ग पर भी पद के लिए आवेदन करने के दौरान गुमराह करने का आरोप लगाया था. इसके बाद सौरव गांगुली ने सहवाग की उस टिप्पणी को 'मूर्खतापूर्ण' बताया था. हालांकि बाद में उन्होंने इसका खंडन किया था. लेकिन सहवाग के इस बयान के बाद ऐसा लगता है कि दोनों खिलाड़ियों में अब कोई गिला-शिकवा नहीं है.
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गांगुली ने दी कुर्बानी
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उस समय हम बल्लेबाजी ऑर्डर में एक्सपेरिमेंट करते थे. उन्होंने कहा, हम फैसला करते थे कि अगर सलामी जोड़ी ने अच्छा खेल दिखाया तो गांगुली को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा. वहीं अगर खराब पार्टनरशिप होती थी तो इरफान और धोनी जैसे हिटर्स मैदान पर उतरेंगे. इसके बाद गांगुली ने फैसला लिया कि वे धोनी को अपनी जगह तीसरे नंबर पर खेलने का मौका देंगे. एक टीवी कार्यक्रम में वीरू ने कहा कि गांगुली हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देते थे. अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धोनी आज दुनिया के बड़े खिलाड़ी नहीं होते.
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सौरव-सहवाग में छिड़ी थी 'जंग'
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सहवाग के सनसनीखेज बयान के बाद अब सौरव गांगुली और उनके बीच सोशल मीडिया पर 'जंग' छिड़ गई थी. सहवाग ने कहा था कि बोर्ड में 'सेटिंग' की कमी के कारण वह टीम के मुख्य कोच नहीं बन सके. बता दें कि सौरव, सचिन और वीवीएस लक्ष्मण वाली सलाहकार समिति ने ही रवि शास्त्री को भारतीय कोच पद के लिए चुना था.
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सहवाग ने एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में यह दावा किया था कि बीसीसीआई में शामिल अधिकारियों का संरक्षण नहीं मिलने के कारण वह कोच बनने से चूक गए और दोबारा इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे. उन्होंने बोर्ड अधिकारियों के एक वर्ग पर भी पद के लिए आवेदन करने के दौरान गुमराह करने का आरोप लगाया था. इसके बाद सौरव गांगुली ने सहवाग की उस टिप्पणी को 'मूर्खतापूर्ण' बताया था. हालांकि बाद में उन्होंने इसका खंडन किया था. लेकिन सहवाग के इस बयान के बाद ऐसा लगता है कि दोनों खिलाड़ियों में अब कोई गिला-शिकवा नहीं है.
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