
विराट कोहली का हर दांव चला, पहला मैच खेल रहे जयंत यादव ने भी 4 विकेट लिए (फोटो: BCCI)
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टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 246 रन के विशाल अंतर से हराया
पहली पारी के शतकवीर विराट कोहली को मैन ऑफ द मैच मिला
टीम इंडिया 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे हो गई है
405 रन का लक्ष्य इंग्लैंड के लिए बेहद मुश्किल था. वैसे भी भारतीय धरती पर विदेशी टीम की ओर से चौथी पारी में हासिल किया गया लक्ष्य 276 रन रहा है, जिसे वेस्टइंडीज ने बनाया था. विशाखापटनम में जब इंग्लैंड की सलामी जोड़ी एलिस्टर कुक और युवा हसीब हमीद ने चौथे दिन 75 रन जोड़कर टीम इंडिया में हताशा बढ़ा दी थी, तो भी विराट कोहली को भरोसा था कि चीजें उनके पक्ष में ही जाएंगी, क्योंकि इंग्लैंड का स्कोरिंग रेट काफी कम था और वह दबकर खेल रही थी. ऊपर से जब हसीब और दिन के अंतिम ओवर में कप्तान कुक आउट हो गए, तो विराट का भरोसा और बढ़ गया.
दबकर खेले, तो हो गया जीत का भरोसा...
विराट कोहली ने इंग्लैंड टीम की गेम के प्रति अप्रोच को लेकर कई चीजें महसूस कीं. उन्होंने इन्हें साझा भी किया. विराट ने कहा कि वह जिस गति से रन बना रहे थे और जिस तरह विकेट में घुसकर खेल रहे थे, ये उनकी कमजोर इच्छाशक्ति का संकेत थे.
विराट कोहली ने कहा, ‘‘हम उनको 1.5 रन प्रति ओवर से ज्यादा नहीं बनाने दे रहे थे. सच कहूं तो हमने सोचा था कि वह इससे अधिक इच्छाशक्ति के साथ खेलेंगे, लेकिन उनके रवैये ने हमें यह आश्वासन दे दिया था कि यदि हमें एक बार दो विकेट मिल गए, तो पूरी टीम जल्द तहस-नहस हो जाएगी, क्योंकि बल्लेबाजों में ज्यादा इच्छाशक्ति नहीं दिख रही थी.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यह बिलकुल सरल चीज होती है और चौथी पारी में आपमें इच्छाशक्ति नहीं है तो साढ़े चार सत्र तक खेलना काफी कठिन हो जाता है.’’
जज्बे की जरूरत थी..
इंग्लैंड के ज्यादातर बल्लेबाजों के रक्षात्मक होने को लेकर कोहली ने कहा, ‘‘अगर आपके अंदर जज्बा है तो ही आप गेंद को अपने मुताबिक खेल पाओगे. अगर ऐसा नहीं है तो आप गेंद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हो और अगर यह कुछ करती है तो आप इस पर नियंत्रण बनाने की हालत में नहीं होते और यह बल्ला छूकर निकल जाती है.’’
विराट कोहली ने चौथी पारी में बल्लेबाजी तकनीक के बारे में बात करते हुए कहा कि रक्षात्मक होने के साथ-साथ यदि आप रन बनाने के बारे में सोचते रहते हैं, तो यह चीज काम आती है. अन्यथा अतिरिक्त प्रेशर आ जाता है. रक्षात्मक खेल के बावजूद एक बल्लेबाज की कोशिश रन बनाते रहने की होनी चाहिए.
हमने दिखाई इच्छाशक्ति
कोहली ने इंग्लैंड की कमजोरी और अपनी बल्लेबाजी की खूबी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा, ‘‘अगर आप रन बनाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सही तरीके से रक्षात्मक तकनीक अपनाते हैं, क्योंकि आपका दिमाग गेंद की मूवमेंट पर भी होता है, इसलिए हमारा यही विचार था कि जब तक पिच बल्लेबाजी के लिए मुश्किल होती है, तब तक रन बनाते हैं. हमने इच्छाशक्ति दिखाई और बीच-बीच में रन जुटाते रहे. हमने अपनी बढ़त बना ली.’’
विराट ने स्पिन विकेट पर निरंतर रन जुटाने का फॉर्मूला भी बताया. उन्होंने कहा कि क्रीज पर जाकर परिस्थितियों के हिसाब से रन बनाना होता है. उन्होंने कहा, ‘‘देखो कि क्या हो रहा है, गेंदबाजों को समझो, हमेशा गेंदबाजों पर हावी होने की योजना मत बनाओ, बल्कि समझो कि हालात कैसे हो रहे हैं. विकेट पर शांत रहो, विकेट पर कुछ समय बिताने की कोशिश करो. जब खिलाड़ी विकेट पर समय बिताते हैं तो वे निश्चित रूप से रन जुटाते हैं.’’
(इनपुट भाषा से भी)
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