विराट कोहली की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
वैसे तो विराट कोहली ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. लेकिन टेस्ट कप्तान के तौर पर अपनी सरजमीं पर शतक जड़ने का उनका इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है. टेस्ट कप्तान के रूप में भारतीय मैदान पर विराट का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 88 रन है, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 मे फिरोजशाह कोटला मैदान पर बनाया था.
कानपुर में नहीं बोला कोहली का बल्ला
कानपुर टेस्ट की दोनों पारियों में भारतीय कप्तान अपने बल्ले का जौहर नहीं दिखा सके. पहली पारी में वह जहां केवल 9 रन बना सके, वहीं दूसरी पारी में भी वे कुछ खास नहीं कर सके. हालांकि दूसरी पारी में उन्होंने थोड़ी देर तक कीवी गेंदबाजों से संघर्ष किया, लेकिन अपनी पारी को 18 रन से आगे ले जाने में कामयाब नहीं हुए. ऐसे में उनके शतक
का इंतजार फिर बढ़ गया है. कोहली के मुकाबले घरेलू जमीन पर स्पिनर आर. अश्विन और रविंद्र जडेजा का रिकॉर्ड बेहतर है.
दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे में भी नहीं लगा पाए थे शतक
दिसंबर, 2014 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम की कमान संभालने वाले विराट कोहली ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है. उन्होंने कई शतक भी लगाए हैं, लेकिन भारत में शतक लगाने के लिए वे अभी भी तरस रहे हैं. हालांकि मौजूदा सीरीज से पहले उन्हें भारत में पिछले साल केवल एक ही सीरीज खेलने का मौका मिला.
दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई थी. इस दौरे में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 4 टेस्ट मैच खेले थे. भारत ने कोहली की कप्तानी में टेस्ट सीरीज में 3-1 से जीत हासिल की थी. लेकिन कोहली कप्तान के रूप में कोई शतक नहीं लगा पाए थे. मोहाली में खेले गए पहले टेस्ट की दोनों पारियों में वह केवल 1 रन और 29 रन का ही योगदान दे पाए थे. यह अलग बात है कि भारत इस टेस्ट को 108 रन से जीतने में कामयाब रहा था.
बेंगलुरु में खेला गया दूसरा टेस्ट बारिश में धुल गया था और कोहली को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. नागपुर में तीसरे टेस्ट में भी विराट का बल्ला खामोश रहा. इस मैच की दोनों पारियों में विराट केवल 22 रन और 16 रन ही बना सके थे. हालांकि भारतीय टीम इस मैच को 124 रन से जीतने में कामयाब रही थी. चौथा टेस्ट मैच फिरोजशाह कोटला में खेला गया. इस मैच में कोहली ने कप्तान के रूप में पहली पारी में 44 रन, जबकि दूसरी पारी में 88 रन बनाए थे और शतक से चूक गए थे.
कप्तान बनने से पहले जड़े थे तीन शतक
टेस्ट टीम की कप्तानी का जिम्मा संभालने से पहले कोहली ने बेंगलुरु में 31 अगस्त, 2012 को न्यूजीलैंड के खिलाफ 107 रन बनाए थे. इसके बाद 13 दिसंबर, 2012 को इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में 103 रन और 22 फरवरी, 2013 को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में 107 रन की शतकीय पारी खेली थी. तब से कोहली भारत में टेस्ट में कोई शतक नहीं लगा पाए हैं. हालांकि उनके प्रसंशकों को उम्मीद है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ ईडन गार्डन में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच में कोहली यह कारनामा भी जरूर कर दिखाएंगे.
कानपुर में नहीं बोला कोहली का बल्ला
कानपुर टेस्ट की दोनों पारियों में भारतीय कप्तान अपने बल्ले का जौहर नहीं दिखा सके. पहली पारी में वह जहां केवल 9 रन बना सके, वहीं दूसरी पारी में भी वे कुछ खास नहीं कर सके. हालांकि दूसरी पारी में उन्होंने थोड़ी देर तक कीवी गेंदबाजों से संघर्ष किया, लेकिन अपनी पारी को 18 रन से आगे ले जाने में कामयाब नहीं हुए. ऐसे में उनके शतक
का इंतजार फिर बढ़ गया है. कोहली के मुकाबले घरेलू जमीन पर स्पिनर आर. अश्विन और रविंद्र जडेजा का रिकॉर्ड बेहतर है.
दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे में भी नहीं लगा पाए थे शतक
दिसंबर, 2014 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम की कमान संभालने वाले विराट कोहली ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है. उन्होंने कई शतक भी लगाए हैं, लेकिन भारत में शतक लगाने के लिए वे अभी भी तरस रहे हैं. हालांकि मौजूदा सीरीज से पहले उन्हें भारत में पिछले साल केवल एक ही सीरीज खेलने का मौका मिला.
दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई थी. इस दौरे में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 4 टेस्ट मैच खेले थे. भारत ने कोहली की कप्तानी में टेस्ट सीरीज में 3-1 से जीत हासिल की थी. लेकिन कोहली कप्तान के रूप में कोई शतक नहीं लगा पाए थे. मोहाली में खेले गए पहले टेस्ट की दोनों पारियों में वह केवल 1 रन और 29 रन का ही योगदान दे पाए थे. यह अलग बात है कि भारत इस टेस्ट को 108 रन से जीतने में कामयाब रहा था.
बेंगलुरु में खेला गया दूसरा टेस्ट बारिश में धुल गया था और कोहली को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. नागपुर में तीसरे टेस्ट में भी विराट का बल्ला खामोश रहा. इस मैच की दोनों पारियों में विराट केवल 22 रन और 16 रन ही बना सके थे. हालांकि भारतीय टीम इस मैच को 124 रन से जीतने में कामयाब रही थी. चौथा टेस्ट मैच फिरोजशाह कोटला में खेला गया. इस मैच में कोहली ने कप्तान के रूप में पहली पारी में 44 रन, जबकि दूसरी पारी में 88 रन बनाए थे और शतक से चूक गए थे.
कप्तान बनने से पहले जड़े थे तीन शतक
टेस्ट टीम की कप्तानी का जिम्मा संभालने से पहले कोहली ने बेंगलुरु में 31 अगस्त, 2012 को न्यूजीलैंड के खिलाफ 107 रन बनाए थे. इसके बाद 13 दिसंबर, 2012 को इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में 103 रन और 22 फरवरी, 2013 को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में 107 रन की शतकीय पारी खेली थी. तब से कोहली भारत में टेस्ट में कोई शतक नहीं लगा पाए हैं. हालांकि उनके प्रसंशकों को उम्मीद है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ ईडन गार्डन में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच में कोहली यह कारनामा भी जरूर कर दिखाएंगे.
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