
टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली का बल्ला छोटे फ़ॉर्मेट में शांत है। अफ़गानिस्तान के खिलाफ़ भी विराट दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके।
टीम के सबसे लायक बल्लेबाज़ का यह हाल टीम के लिए ख़तरें की घंटी है। कार्लटन ट्राई सीरीज़ में विराट ने चार वनडे मैचों में 8.00 की औसत से 24 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले अभ्यास मैच में 18 रन जोड़े और अफ़गानिस्तान के ख़िलाफ़ महज़ पांच रन बनाकर आउट हो गए।
कपड़ों और गेंद का रंग बदलते ही विराट के लिए दुनिया बदल गई लगती है। लेकिन सबसे ज्यादा हैरान उनका आउट होने का तरीका करता है। वैसे इस दौरे को छोड़ दें तो ऑस्ट्रेलियाई में भी वनडे में कोहली ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस दौरे से पहले विराट ने ऑस्ट्रेलिया में आठ वनडे मैच खेले है और 53.28 की औसत से 373 रन बनाए हैं।
आत्मविश्वास और अतिआत्मविश्वास में बहुत मामूली सा फ़र्क होता है। नए टेस्ट कप्तान को यह समझने की ज़रूरत है, नहीं तो खेल जितनी जल्दी बुलंदियों पर ले जाता है। उससे कहीं ज्यादा तेज़ी से खिलाड़ी को ज़मीन का एहसास भी करवा देता है।
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