यह ख़बर 09 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

त्रिकोणीय शृंखला : श्रीलंका को रौंदकर फाइनल में पहुंचा भारत

खास बातें

  • बारिश से प्रभावित मैच में श्रीलंका को जीत के लिए 26 ओवरों में 178 रन का संशोधित लक्ष्य मिला। जवाब में श्रीलंकाई टीम 24.4 ओवरों में 96 रन बनाकर ढेर हो गई। 'मैन ऑफ द मैच' भुवनेश्वर कुमार ने छह ओवर में आठ रन देकर चार विकेट झटके।
पोर्ट ऑफ स्पेन:

सेल्कॉन मोबाइल कप त्रिकोणीय शृंखला का फाइनल भारत और श्रीलंका की टीमों के बीच खेला जाएगा। भारतीय टीम ने क्वींस पार्क ओवल मैदान पर 'करो या मरो' के मुकाबले में श्रीलंका को 81 रनों से हराते हुए तालिका में शीर्ष स्थान हासिल कर गुरुवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में खेलने का अधिकार हासिल किया।

बारिश से बाधित अंतिम लीग मैच का फैसला डकवर्थ-लुइस नियम के आधार पर हुआ। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 29 ओवरों में तीन विकेट पर 119 रन बनाए। भारत की ओर से रोहित शर्मा ने नाबाद 48 रन जोड़े, जबकि कप्तान विराट कोहली के बल्ले से 31 रन निकले।

बारिश थमने के पश्चात डकवर्थ-लुइस नियम के आधार पर श्रीलंका को 26 ओवरों में 178 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला। जवाब में श्रीलंकाई टीम 24.4 ओवरों में 96 रन ही बना सकी। भारत की जीत के हीरो रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार, जिन्होंने आठ रन देकर चार विकेट लिए, जबकि इशांत शर्मा और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट झटके। उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन को भी एक-एक सफलात मिली। भुवनेश्वर कुमार को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।

किस्मत भारत के पक्ष में चल रही थी, क्योंकि भारतीय पारी के दौरान जिस तरह बारिश ने आंख-मिचौली का खेल दिखाया, उसे देखते हुए यही लगा कि यह मैच या तो बुधवार तक के लिए खिंचेगा या फिर रद्द कर दिया जाएगा। बारिश अचानक जिस तेजी से आई और लगातार बनी रही, उसे देखते हुए बुधवार को भी मैच के पूरा होने की आसार बनने की उम्मीद कम ही नजर आ रही थी। मैच अगर रद्द होता, तो दोनों टीमों को एक-एक अंक प्राप्त होता और बेहतर नेट रन रेट के आधार पर श्रीलंका तथा वेस्ट इंडीज फाइनल में पहुंच गए होते।

लीग स्तर की समाप्ति के बाद भारत ने श्रीलंका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ मिली जीत से एक-एक बोनस अंक की मदद से कुल 10 अंक जुटाए और टॉप पर रहा। श्रीलंका और वेस्ट इंडीज के नौ-नौ अंक रहे, लेकिन श्रीलंका का नेट रन रेट वेस्ट इंडीज से बेहतर रहा और वह हार के बाद भी फाइनल में पहुंचने में सफल रहा।

भारत का साथ काफी हद तक किस्मत ने दिया और फिर आगे का काम गेंदबाजों ने किया। सलामी बल्लेबाज के तौर पर लगातार अच्छा खेल रहे रोहित की 83 गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के की मदद से खेली गई आकर्षक पारी के बाद भुवनेश्वर और उनके साथियों ने अपनी गेंदों के कमाल से श्रीलंका को 96 रन पर ढेर कर दिया।

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दिनेश चंडीमल ने सबसे अधिक 26 रन बनाए, जबकि भारत के खिलाफ पिछले मैच में एक विकेट पर 348 रन बनाने वाली श्रीलंकाई टीम के छह बल्लेबाज दहाई तक भी नहीं पहुंच सके। उपुल थरंगा (6), माहेला जयवर्धने (11), कुमार संगकारा (0), लाहिरी थिरिमान्ने (0) और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (10) जैसे बल्लेबाज भुवनेश्वर की गेंदों की तेजी और जडेजा की फिरकी में फंसकर अपना विकेट गंवा बैठे, जबकि इशांत, यादव और अश्विन ने बाकी बल्लेबाजों का काम तमाम कर दिया।