खास बातें
- सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने स्वीकार किया कि शुक्रवार को भाग्य उनके साथ था जो वह अपने करियर का तीसरा शतक जमाकर भारत की जिम्बाब्वे पर जीत में अहम भूमिका निभाने में सफल रहे। धवन जब तीन रन पर थे तब काइल जार्विस की गेंद पर आउट हो गए थे।
हरारे: सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने स्वीकार किया कि शुक्रवार को भाग्य उनके साथ था जो वह अपने करियर का तीसरा शतक जमाकर भारत की जिम्बाब्वे पर जीत में अहम भूमिका निभाने में सफल रहे। धवन जब तीन रन पर थे तब काइल जार्विस की गेंद पर आउट हो गए थे।
मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर से सलाह मांगी और पता चला कि यह नोबॉल थी। इसके बाद उन्हें 14 और 70 रन के निजी योग पर दो जीवनदान भी मिले। धवन आखिर में 116 रन बनाने में सफल रहे जो उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर है। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने बाद में कहा, ‘‘असल में यह मेरे लिए भाग्यशाली दिनों में से एक था। मुझे दो बार जीवनदान मिले। वास्तव में आज मेरा दिन था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विकेट बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं था। मैंने और (दिनेश) कार्तिक ने अच्छी साझेदारी की। हम दोनों ने गेंद को उसकी मेरिट के हिसाब से खेलने और लंबी साझेदारी करने की योजना बनाई थी।’’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शानदार फार्म के बारे में बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘वास्तव में मैं अपनी फार्म में खुश हूं और इसका लुत्फ उठा रहा हूं। भारत की तरफ से खेलने से पहले मैने घरेलू स्तर पर भी अच्छी पारियां खेली थी।’’