नई दिल्ली:
भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को फैसला लेना होगा कि खराब फार्म से जूझ रहे वीरेंद्र सहवाग से ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला में पारी की शुरुआत कराई जाए या किसी और को मौका दिया जाए।
द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं और प्रबंधन को तय करना होगा कि वे दक्षिण अफ्रीका में वीरू से ही पारी की शुरुआत कराएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, वीरू अगर अपने फार्म में है तो किसी भी टीम के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, लेकिन वह उतना अच्छा खेल नहीं पा रहा है। पिछले दो या तीन साल में विदेश दौरे पर भी उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा, यदि उन्हें लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में सहवाग से पारी की शुरुआत कराई जानी चाहिए तो ठीक है। ऐसे में उसे मौका दिया जा सकता है ताकि उसका आत्मविश्वास लौटे। भारत ने भले ही ऑस्ट्रेलिया को पहले दो टेस्ट में हराया हो, लेकिन सहवाग और मुरली विजय के बीच साझेदारी से 11, 16 और 17 रन ही बन सके। विजय ने हैदराबाद में 167 रन बनाये, लेकिन सहवाग तीन पारियों में सिर्फ 27 रन बना सके।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। द्रविड़ का मानना है कि किसी युवा सलामी बल्लेबाजों को सीधे विदेश में उतारने से पहले घरेलू हालात में एक मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए।
द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है।
द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं और प्रबंधन को तय करना होगा कि वे दक्षिण अफ्रीका में वीरू से ही पारी की शुरुआत कराएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, वीरू अगर अपने फार्म में है तो किसी भी टीम के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, लेकिन वह उतना अच्छा खेल नहीं पा रहा है। पिछले दो या तीन साल में विदेश दौरे पर भी उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा, यदि उन्हें लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में सहवाग से पारी की शुरुआत कराई जानी चाहिए तो ठीक है। ऐसे में उसे मौका दिया जा सकता है ताकि उसका आत्मविश्वास लौटे। भारत ने भले ही ऑस्ट्रेलिया को पहले दो टेस्ट में हराया हो, लेकिन सहवाग और मुरली विजय के बीच साझेदारी से 11, 16 और 17 रन ही बन सके। विजय ने हैदराबाद में 167 रन बनाये, लेकिन सहवाग तीन पारियों में सिर्फ 27 रन बना सके।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। द्रविड़ का मानना है कि किसी युवा सलामी बल्लेबाजों को सीधे विदेश में उतारने से पहले घरेलू हालात में एक मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए।
द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है।
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