
Glenn Maxwell: 2019 की बात है, ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल 14 महीनों के लिए क्रिकेट से दूर हो गए. किसी को समझ नहीं आया कि अचानक क्रिकेट से दूर होने का क्या वजह हो सकता है फिर ये बात सामने आई की डिप्रेशन के वजह से मैक्सवेल क्रिकेट से दूर हो गए हैं. एक इंटरव्यू के दौरान मैक्सवेल ने खुलासा किया था कि वे काफी डिप्रेशन में थे. इतने डिप्रेशन में थे कि खुद को संभालना मुश्किल था. मन में कई नेगेटिव सोच चल रही थी. उन्हें लग रहा था कि उन के लिए ज़िन्दगी में कुछ और बचा ही नहीं है लेकिन किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था. मैक्सवेल ने डिप्रेशन से बाहर से निकलने के लिए काफी मेहनत किये. दोबारा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना शुरू किये. डिप्रेशन से निकलने के बाद मैक्सवेल ने 11 सितम्बर को जब अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला तो 77 रन की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया इस मैच को 19 रन से जीता.
मैक्सवेल के नाम वर्ल्ड कप में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड :
16 सितंबर 2020 को इंग्लैंड के खिलाफ मैच में मैक्सवेल शानदार शतक लगाया। 303 रन का पीछा करते हुए सिर्फ 75 रन पर ऑस्ट्रेलिया के पांच विकेट गिर गए थे. ऐसा लग रहा था की ऑस्ट्रेलिया इस मैच को हार जाएगा लेकिन सातवें विकेट के लिए मैक्सवेल और एलेक्स कैरी के बीच 212 रन की साझेदारी हुई. मैक्सवेल ने सबसे ज्यादा 108 रन की पारी खेली जिसमें 7 छक्के और चार चौके शामिल था. इस मैच को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे डिप्रेशन से निकलने के बाद मैक्सवेल और स्ट्रांग हो गए हैं.
अपने बल्लेबाजी को ठीक से समझने लगे हैं. ऑस्ट्रेलिया इस मैच को तीन विकेट से जीता और मैक्सवेल “मैन ऑफ़ द मैच” बने. सिर्फ “मैन ऑफ़ द मैच” नहीं इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में मैक्सवेल ने “मैन ऑफ़ द सीरीज” भी बने. यानी डिप्रेशन को हराने के बाद मैक्सवेल ने पूरी सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया. 25 अक्टूबर 2023 को नीदरलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप लीग मैच में मैक्सवेल ने वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे तेज शतक लगाया. 40 गेंदों में मैक्सवेल ने अपना शतक पूरा जिस में 8 छक्के और 9 चौके शामिल था.
कैसा रहा मैक्सवेल का क्रिकेट करियर :
2012 में मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ अपना क्रिकेट करियर शुरू किया. मैक्सवेल अब तक कुल 134 एकदिवसीय मैच खेलते हुए करीब 34 के औसत से 3650 रन बनाये हैं जिस में तीन शतक और 23 अर्धशतक शामिल है. सबसे बड़ी बात ये हैं कि डिप्रेशन के बाद मैक्सवेल दो शतक लगाए हैं जब की डिप्रेशन से पहले उनके नाम सिर्फ एक ही शतक है. डिप्रेशन से निकलने के बाद इस तरह शानदार प्रदर्शन करना कोई छोटी बात नहीं.
मैक्सवेल को टेस्ट टीम में ज्यादा मौका नहीं मिला. ऑस्ट्रेलिया के लिए मैक्सवेल सिर्फ 7 टेस्ट मैच खेलते हुए 26 की औसत से 339 रन बनाये हैं जिस में एक शतक शामिल है. अगर टी 20 की बात करें तो मैक्सवेल ऑस्ट्रेलिया के लिए कुल 98 मैच खेल चुके हैं और करीब 28 के औसत से 2159 रन बनाये हैं जिस में तीन शतक और दस अर्धशतक शामिल है. कई और क्रिकेटर भी डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं : भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली भी कह चुके हैं कि 2014 के इंग्लैंड दौरे के दौरान वो काफी डिप्रेशन में थे. बार बार बल्लेबाजी में फेल होने के बाद उन्हें लग रहा था कि वे दुनिया के सबसे अकेले खिलाड़ी है. इंग्लैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में कोहली 10 पारियों में सिर्फ 118 रन बनाए थे.
एक इंटरव्यू के दौरान कोहली ने खुलासा किया था कि डिप्रेशन के दौरान उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए और कैसे डिप्रेशन से अपने आप को दूर रहना चाहिए. कोहली को ठीक से नींद नहीं आ रही थी. सुबह कोहली फ्रेश फील नहीं कर रहे थे. आत्मविश्वास की कमी थी. कोहली ने भी कहा था कि टीम में ऐसा कोई होना चाहिए जिसके पास जाकर आप अपना मन की बात बता सके. इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक को डिप्रेशन के वजह से क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा था. उस समय वे सबसे बेहतरीन फॉर्म में थे.
कुछ साल के बाद एक इंटरव्यू के दौरान ट्रेस्कोथिक ने कहा था कि वे पूरी तरह डिप्रेशन से ठीक नहीं हो पाए हैं. कभी ठीक महसूस करते हैं तो कभी डिप्रेशन में चले जाते हैं. 2013 एशेज सीरीज के दौरान इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट ने सीरीज को बीच में छोड़कर चले गए थे और वजह था डिप्रेशन. ट्रॉट डिप्रेशन को लेकर इतना परेशान थे कि इस पर बात करना नहीं चाहते थे. 2015 में ट्रॉट क्रिकेट को अलविदा कह दिए. आजकल ट्रॉट अफ़ग़ानिस्तान टीम के मुख्य कोच हैं और अफ़ग़ानिस्तान टीम वर्ल्ड कप में शानदार प्रद्रशन कर रही है. इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी बड़ी टीम को हरा चुकी है. इंग्लैंड के महिला क्रिकटर सारा टेलर और एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ भी डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं.
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