सैयद किरमानी (भारत के पूर्व विकेटकीपर)
नई दिल्ली:
अपने समय के दिग्गज विकेटकीपर और साल 1993 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य सैयद किरमानी की सोशल मीडिया पर जमकर खिंचाई हो रही है. और इसका मौका भी उन्होंने खुद ही लोगों को दिया है. दरअसल पूर्व स्टंपर ने चेन्नई में आयोजित एक कायर्क्रम में सार्वजनिक रूप से अपनी आंखें दान करने की घोषणा की थी, लेकिन इस ऐलान के कुछ ही देर बाद किरमानी अपने फैसले से पलट गए.
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किरमानी रविवार को चेन्नई में रोटरी रंजन आई बैंक और रोटरी क्लब मद्रास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे. इसी कायर्क्रम में किरमानी ने मंच पर यह ऐलान किया कि वह अपनी आंखें रंजन आई केयर को दान करेंगे. किरमानी की इस घोषणा को वहां उपस्थित ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों ने सराहा. लेकिन लोगों को तब बहुत ही आश्चर्य हुआ, जब किरमानी अपनी इस घोषणा से पलट गए.
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कार्यक्रम में किरमानी ने कहा. 'आंखें दान देने का विचार आपकी उम्र के साथ ही आता है. यह आई केयर संस्थान युवाओं को रोशनी देने का शानदार काम कर रहा है. और मैं इस नेक काम का महत्व जानता हूं'. किरमानी के फैसले से पलटने पर अस्पताल के डा. रंजन ने कहा, यह इस दिग्गज क्रिकेटर का निजी फैसला है. अगर वह अपना फैसला बदल रहे हैं, तो यह उनका फैसला है. मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहता.
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किरमानी ने अपने पलटे हुए फैसले पर कहा कि वह एक भावुक इंसान हैं और उन्होंने भावना में बहकर आंखें दान देने का फैसला कर लिया. उन्होंने कहा कि धार्मिक वजहों से मैंने अपना आंखें दान देने का फैसला बदलने का निर्णय लिया.
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किरमानी रविवार को चेन्नई में रोटरी रंजन आई बैंक और रोटरी क्लब मद्रास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे. इसी कायर्क्रम में किरमानी ने मंच पर यह ऐलान किया कि वह अपनी आंखें रंजन आई केयर को दान करेंगे. किरमानी की इस घोषणा को वहां उपस्थित ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों ने सराहा. लेकिन लोगों को तब बहुत ही आश्चर्य हुआ, जब किरमानी अपनी इस घोषणा से पलट गए.
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किरमानी ने अपने पलटे हुए फैसले पर कहा कि वह एक भावुक इंसान हैं और उन्होंने भावना में बहकर आंखें दान देने का फैसला कर लिया. उन्होंने कहा कि धार्मिक वजहों से मैंने अपना आंखें दान देने का फैसला बदलने का निर्णय लिया.
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