- भारत में टेस्ट क्रिकेट के दौरान पिचों को लेकर कई बार विवाद और आलोचनाएं सामने आई हैं
- 2004 मुंबई टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम 104 रन के लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पाई थी, पिच की गुणवत्ता पर सवाल उठे
- कोलकाता टेस्ट में भारत 124 रन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका, पिच की गुणवत्ता पर पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल उठाए
Pitch Controversy in Indian Test Cricket IND vs SA: कोलकाता टेस्ट में मिली हार भारत के लिए चुभने वाली रही. मात्र 124 रन के लक्ष्य को हासिल न कर पाना घरेलू मैदान पर भारतीय टीम की सबसे बड़ी नाकामियों में से एक माना जा रहा है. यह हार टीम इंडिया को लंबे समय तक याद रहेगी. भारत में जब भी टेस्ट क्रिकेट खेला जाता है, पिच का बर्ताव हमेशा सुर्खियों में रहता है. स्पिन-अनुकूल परिस्थितियां विदेशी टीमों के लिए चुनौती बनती रही हैं, इसी कारण भारतीय पिचों को लेकर चर्चाएं और विवाद समय-समय पर सामने आते रहे हैं. आइए नजर डालते हैं भारत में टेस्ट क्रिकेट के दौरान हुए कुछ बड़े पिच विवादों पर, जिनकी चर्चा लंबे समय तक होती रही है.
1) साल 2004 मुंबई टेस्ट: 104 का लक्ष्य भी नहीं बचा सके थे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में मुंबई टेस्ट की पिच ने सभी को चौंका दिया था. दोनों टीमों के बल्लेबाज संघर्ष करते दिखे और ऑस्ट्रेलियाई टीम 104 के छोटे लक्ष्य का पीछा करने में भी नाकाम रही. बाद में उस समय के कप्तान रिकी पोंटिंग ने इसे “टेस्ट क्रिकेट की पिच के लायक नहीं” बताया था.
2. साल 2017 पुणे टेस्ट: पहले दिन से स्पिन का रहा था खौफ
2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे टेस्ट में स्पिनर पहले दिन से ही हावी रहे. भारत को 333 रनों की बड़ी हार झेलनी पड़ी थी और आईसीसी ने मैच के बाद इस पिच को ‘खराब' रेटिंग दी थी.
3. साल 2021 अहमदाबाद टेस्ट: 2 दिन में खत्म हुआ मुकाबला
इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट मैच सिर्फ दो दिनों में समाप्त हो गया. अक्षर पटेल ने 11 विकेट झटके. इंग्लिश खिलाड़ियों ने हार के बाद पिच को दोषी ठहराया.
4. साल 2023 नागपुर टेस्ट: मैच शुरू होने से पहले ही हुआ विवाद
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दावा किया कि पिच बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ तैयार की गई है. तीन दिन में समाप्त हुए मैच के बाद आईसीसी ने इस पिच को ‘औसत' बताया था.
5. इंदौर टेस्ट में जब पिच पहले ओवर से टूटनी शुरू हुई
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंदौर टेस्ट महज तीन दिनों में खत्म हुआ. पिच पहले ओवर से ही टूटने लगी, जिसके चलते भारतीय टीम को 9 विकेट से हार झेलनी पड़ी. आईसीसी ने पिच को ‘खराब' करार देते हुए 3 डिमेरिट प्वाइंट दिए.
कोलकाता टेस्ट बना पिच विवाद का नया अध्याय
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में भारत को 30 रन से करारी हार झेलनी पड़ी. 124 रन जैसे छोटे लक्ष्य का पीछा करने में टीम इंडिया असफल रही, जिससे आलोचना और बढ़ गई. तीन दिनों में समाप्त हुए इस मैच की पिच पर पूर्व खिलाड़ियों से लेकर फैंस तक सवाल उठा रहे हैं.
पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी का जवाब आया सामने
पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी ने उठते सवालों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पिच खराब नहीं थी और इसे निर्देशानुसार तैयार किया गया था. उन्होंने कहा कि वे आलोचनाओं की परवाह किए बिना अपने काम पर भरोसा करते हैं.
गौतम गंभीर का पिच पर समर्थन
टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने भी पिच का पक्ष लिया. उनका कहना है कि टीम ने जानबूझकर ऐसी पिच पर खेलने का फैसला किया था. गंभीर ने साफ कहा कि हार की वजह पिच नहीं, बल्कि कठिन परिस्थितियों में बल्लेबाजी का बेहतर प्रदर्शन न कर पाना है.
वसीम जाफर की सलाह, 'कोहली युग जैसी पिचें तैयार हों'
पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत को वैसी पिचें बनानी चाहिए जैसी विराट कोहली की कप्तानी के दौर में बनाई जाती थीं, जहां चुनौती भी हो और संतुलन भी.
कोलकाता टेस्ट में मिली हार भारत के लिए चुभने वाली रही. मात्र 124 रन के लक्ष्य को हासिल न कर पाना घरेलू मैदान पर भारतीय टीम की सबसे निराशाजनक नाकामियों में से एक माना जा रहा है. यह हार टीम इंडिया को लंबे समय तक याद रह सकती है.
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