लक्ष्मीपति बालाजी का प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा अच्छा रहा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेट के मैदान पर हमेशा हंसते हुए दिखने वाले तमिलनाडु के लक्ष्मीपति बालाजी की गेंदों की गति हालांकि बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन इसकी भरपाई वे गेंदों को विकेट के दोनों ओर स्विंग कराकर करते थे. यह बालाजी का दुर्भाग्य ही रहा कि उन्हें टीम इंडिया के लिए ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया. हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने वाले इस 34 वर्षीय गेंदबाज का करियर खराब फिटनेस और चोटों से प्रभावित रहा. वैसे, इंटरनेशनल क्रिकेट में बालाजी जितना भी खेले, शान से खेले और अपने खेल कौशल से टीम इंडिया के खिलाड़ियों के साथ-साथ विपक्षी टीमों के मन में भी गहरी छाप छोड़ी. आज (27 सितंबर, 1981) वह अपना जन्मदिन मना रहे हैं...
क्या आप कल्पना करेंगे कि भारत का कोई खिलाड़ी प्रबल प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेले और उसकी प्रशंसा में दर्शकों के गाने से मैदान गूंज उठे. वर्ष 2004 में बालाजी जब पाकिस्तान में खेल रहे थे तो 'बालाजी जरा धीरे चलो..' का गाना दर्शक जोर-जोर से गाते थे. बालाजी ने पाकिस्तान में अपने खेल कौशल से हर किसी को प्रभावित किया था. वनडे सीरीज में टीम इंडिया की 3-2 की जीत में बालाजी के योगदान को भी कम करके नहीं आंका जा सकता. पाकिस्तानी टीम के खिलाफ टीम इंडिया के इस प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह थी कि इरफान पठान हों, बालाजी या फिर रमेश पोवार, सभी ने विपक्षी टीम के दबाव में आए बिना बिंदास खेल दिखाया था.
लाहौर में सीरीज के अंतिम मैच में बालाजी फिर लोगों की निगाहों में चढ़े, जब उन्होंने ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर शोएब अख्तर को पारी के आखिरी ओवर में बेहतरीन छक्का जड़ा था. बालाजी का यह शॉट इतना बेहतरीन टाइम किया गया था कि 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की स्पीड से गेंद फेंकने वाले शोएब भी हतप्रभ रह गए थे. इस मैच में बालाजी ने तीन विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी और इसी की बदौलत टीम इंडिया सीरीज जीतने में कामयाब रही थी. वैसे इस पूरी सीरीज में निचले क्रम पर बैटिंग करते हुए बालाजी ने बेहतरीन स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ रन बटोरे थे.
27 सितंबर 1981 को मद्रास (अब चेन्नई ) में जन्मे बालाजी के बारे में यह बात उल्लेखनीय रही कि टेस्ट हों या वनडे, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा शानदार प्रदर्शन किया. इस मामले में वर्ष 2004 में ही शोएब अख्तर के गृहनगर रावलपिंडी में हुए टेस्ट का विशेष रूप से जिक्र किया जा सकता है, जिसमें बालाजी के 7 विकेट (पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 3) ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. टीम इंडिया ने यह टेस्ट एक पारी और 131 रन से जीतकर पाकिस्तान को उसके मैदान पर ही वनडे और टेस्ट में हराने का करिश्मा किया था. पाकिस्तान के खिलाफ ही वर्ष 2004-05 में मोहाली में हुए टेस्ट में बालाजी का प्रदर्शन फिर खुलकर सामने आया, जब उन्होंने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार शिकार किए. दुर्भाग्य से कामरान अकमल और अब्दुर रज्जाक की साहसिक बल्लेबाजी के कारण टीम इंडिया इस मैच में जीत से वंचित रह गई थी.
बालाजी ने करीब 10 वर्ष के इंटरनेशनल करियर के दौरान 8 टेस्ट, 30 वनडे और 5 टी20 मैच खेले. आशीष नेहरा की ही तरह यदि वे चोटों से प्रभावित न होते, तो उनके इंटरनेशनल मैचों और विकेटों का आंकड़ा और ऊपर हो सकता था. उन्होंने अपने वनडे करियर का आगाज वर्ष 2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ वडोदरा में और टेस्ट करियर का आगाज 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में किया था. टेस्ट में 27, वनडे मैचों में 34 और टी-20 में 10 विकेट उनके नाम पर हैं. तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने मशहूर मॉडल प्रिया थलूर से सितंबर, 2013 को शादी की.
बालाजी का इंटरनेशनल गेंदबाजी करियर
टेस्ट : मैच खेले 8, रन दिए 1004, विकेट 27, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/76, औसत 37.18, चार विकेट दो बार, पांच विकेट एक बार.
वनडे : मैच खेले 30, रन दिए 1344, विकेट 34, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/48, औसत 39.52, चार विकेट एक बार.
टी20 : मैच खेले 5, रन दिए 121, विकेट 10, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/19, औसत 12.10.
क्या आप कल्पना करेंगे कि भारत का कोई खिलाड़ी प्रबल प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेले और उसकी प्रशंसा में दर्शकों के गाने से मैदान गूंज उठे. वर्ष 2004 में बालाजी जब पाकिस्तान में खेल रहे थे तो 'बालाजी जरा धीरे चलो..' का गाना दर्शक जोर-जोर से गाते थे. बालाजी ने पाकिस्तान में अपने खेल कौशल से हर किसी को प्रभावित किया था. वनडे सीरीज में टीम इंडिया की 3-2 की जीत में बालाजी के योगदान को भी कम करके नहीं आंका जा सकता. पाकिस्तानी टीम के खिलाफ टीम इंडिया के इस प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह थी कि इरफान पठान हों, बालाजी या फिर रमेश पोवार, सभी ने विपक्षी टीम के दबाव में आए बिना बिंदास खेल दिखाया था.
लाहौर में सीरीज के अंतिम मैच में बालाजी फिर लोगों की निगाहों में चढ़े, जब उन्होंने ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर शोएब अख्तर को पारी के आखिरी ओवर में बेहतरीन छक्का जड़ा था. बालाजी का यह शॉट इतना बेहतरीन टाइम किया गया था कि 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की स्पीड से गेंद फेंकने वाले शोएब भी हतप्रभ रह गए थे. इस मैच में बालाजी ने तीन विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी और इसी की बदौलत टीम इंडिया सीरीज जीतने में कामयाब रही थी. वैसे इस पूरी सीरीज में निचले क्रम पर बैटिंग करते हुए बालाजी ने बेहतरीन स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ रन बटोरे थे.
27 सितंबर 1981 को मद्रास (अब चेन्नई ) में जन्मे बालाजी के बारे में यह बात उल्लेखनीय रही कि टेस्ट हों या वनडे, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा शानदार प्रदर्शन किया. इस मामले में वर्ष 2004 में ही शोएब अख्तर के गृहनगर रावलपिंडी में हुए टेस्ट का विशेष रूप से जिक्र किया जा सकता है, जिसमें बालाजी के 7 विकेट (पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 3) ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. टीम इंडिया ने यह टेस्ट एक पारी और 131 रन से जीतकर पाकिस्तान को उसके मैदान पर ही वनडे और टेस्ट में हराने का करिश्मा किया था. पाकिस्तान के खिलाफ ही वर्ष 2004-05 में मोहाली में हुए टेस्ट में बालाजी का प्रदर्शन फिर खुलकर सामने आया, जब उन्होंने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार शिकार किए. दुर्भाग्य से कामरान अकमल और अब्दुर रज्जाक की साहसिक बल्लेबाजी के कारण टीम इंडिया इस मैच में जीत से वंचित रह गई थी.
बालाजी ने करीब 10 वर्ष के इंटरनेशनल करियर के दौरान 8 टेस्ट, 30 वनडे और 5 टी20 मैच खेले. आशीष नेहरा की ही तरह यदि वे चोटों से प्रभावित न होते, तो उनके इंटरनेशनल मैचों और विकेटों का आंकड़ा और ऊपर हो सकता था. उन्होंने अपने वनडे करियर का आगाज वर्ष 2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ वडोदरा में और टेस्ट करियर का आगाज 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में किया था. टेस्ट में 27, वनडे मैचों में 34 और टी-20 में 10 विकेट उनके नाम पर हैं. तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने मशहूर मॉडल प्रिया थलूर से सितंबर, 2013 को शादी की.
बालाजी का इंटरनेशनल गेंदबाजी करियर
टेस्ट : मैच खेले 8, रन दिए 1004, विकेट 27, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/76, औसत 37.18, चार विकेट दो बार, पांच विकेट एक बार.
वनडे : मैच खेले 30, रन दिए 1344, विकेट 34, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/48, औसत 39.52, चार विकेट एक बार.
टी20 : मैच खेले 5, रन दिए 121, विकेट 10, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/19, औसत 12.10.
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