मैच के स्कोरबोर्ड में सुरेश रैना के नाम के आगे एबसेंट हर्ट लिखा था (फाइल फोटो)
इस साल 6 से 9 अक्टूबर तक हैदराबाद में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच हुए रणजी सीज़न के पहले मैच की पहली पारी के स्कोरबोर्ड में कप्तान सुरेश रैना के नाम के आगे absent hurt लिखा है. मतलब चोट/बीमारी की वजह से वे दोनों ही पारियों में मैदान पर बल्लेबाज़ी के लिए नहीं उतरे. मध्य प्रदेश ने उत्तर प्रदेश को उस मैच में पारी और 64 रनों से हरा दिया. मीडिया में खबरे आई हैं कि पूर्व कप्तान सुरेश रैना और गेंदबाज़ प्रवीण कुमार का कोच मनोज प्रभाकर से ज़ोरदार झगड़ा हुआ जिसकी वजह से प्रवीण कुमार को मैच में उतरने का मौक़ा नहीं मिला और रैना ने बल्लेबाज़ी ही नहीं की.
ख़बरें ये भी आईं कि अनुशासनहीनता पर सवाल उठाने की वजह से कोच की रैना और प्रवीण से बहस हुई और इसका ख़ामियाज़ा टीम को भुगतना पड़ा. दरअसल लगातार चौथे सीज़न उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी में बेहद ख़राब रहा है. आधिकारिक तौर पर दावा ज़रूर किया गया कि रैना वायरल फ़ीवर की वजह से मैदान पर नहीं उतर सके जबकि प्रवीण कुमार चोटिल होने की वजह से मैच से बाहर रहे. यूपीसीए के अधिकारी नाम नहीं लिए जाने की शर्त पर कहते हैं कि सुरेश रैना को वायरल हो गया था जिससे वे अभी तक उबर नहीं पाए हैं.
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के ज्वाइंट सचिव युद्धवीर सिंह कहते हैं, "कहीं कोई बात नहीं हुई. पता नहीं कहां से कैसे ये ख़बर चली है. रैना की तबीयत इतनी ख़राब थी कि वे मैदान पर नहीं उतर सके. यही नहीं इसके बाद वो भारतीय टीम के लिए भी नहीं खेल पाए. वहीं प्रवीण कुमार चिकनगुनिया की वजह से मैदान पर नहीं उतर सके." वहीं यूपीसीए के प्रवक्ता अहमद अली ख़ान तालिब का बयान पहले ही आ चुका है कि टीम में असंतोष की बातें बेबुनियाद हैं. युद्धवीर सिंह कहते हैं कि अगर दोनों ठीक रहे तो अगले से अगले मैच में वो ज़रूर मैदान पर उतरेंगे.
इस सीजन में पांच में से तीन मैचों में हारा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की टीम को अब तक रणजी के 5 में से 3 मैच में हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में 13 नवंबर से मुबई के ख़िलाफ़ रणजी मैच में उत्तर प्रदेश की मुश्किलें बरक़रार रह सकती हैं जबकि बड़ौदा के ख़िलाफ़ 7 दिसंबर से पुणे में होने वाले सातवें दौर के रणजी मैच में इन खिलाड़ियों के मैदान पर उतरने की उम्मीद की जा सकती है.
ख़बरें ये भी आईं कि अनुशासनहीनता पर सवाल उठाने की वजह से कोच की रैना और प्रवीण से बहस हुई और इसका ख़ामियाज़ा टीम को भुगतना पड़ा. दरअसल लगातार चौथे सीज़न उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी में बेहद ख़राब रहा है. आधिकारिक तौर पर दावा ज़रूर किया गया कि रैना वायरल फ़ीवर की वजह से मैदान पर नहीं उतर सके जबकि प्रवीण कुमार चोटिल होने की वजह से मैच से बाहर रहे. यूपीसीए के अधिकारी नाम नहीं लिए जाने की शर्त पर कहते हैं कि सुरेश रैना को वायरल हो गया था जिससे वे अभी तक उबर नहीं पाए हैं.
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के ज्वाइंट सचिव युद्धवीर सिंह कहते हैं, "कहीं कोई बात नहीं हुई. पता नहीं कहां से कैसे ये ख़बर चली है. रैना की तबीयत इतनी ख़राब थी कि वे मैदान पर नहीं उतर सके. यही नहीं इसके बाद वो भारतीय टीम के लिए भी नहीं खेल पाए. वहीं प्रवीण कुमार चिकनगुनिया की वजह से मैदान पर नहीं उतर सके." वहीं यूपीसीए के प्रवक्ता अहमद अली ख़ान तालिब का बयान पहले ही आ चुका है कि टीम में असंतोष की बातें बेबुनियाद हैं. युद्धवीर सिंह कहते हैं कि अगर दोनों ठीक रहे तो अगले से अगले मैच में वो ज़रूर मैदान पर उतरेंगे.
इस सीजन में पांच में से तीन मैचों में हारा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की टीम को अब तक रणजी के 5 में से 3 मैच में हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में 13 नवंबर से मुबई के ख़िलाफ़ रणजी मैच में उत्तर प्रदेश की मुश्किलें बरक़रार रह सकती हैं जबकि बड़ौदा के ख़िलाफ़ 7 दिसंबर से पुणे में होने वाले सातवें दौर के रणजी मैच में इन खिलाड़ियों के मैदान पर उतरने की उम्मीद की जा सकती है.
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रणजी ट्रॉफी मैच, मध्यप्रदेश Vs उत्तरप्रदेश, मनोज प्रभाकर, सुरेश रैना, प्रवीण कुमार, बहस