महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ एक आपराधिक मामले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिकायकर्ता जयकुमार हीरेमठ को नोटिस भी भेजा है।
उल्लेखनीय है कि धोनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें एक पत्रिका के मुखपृष्ठ पर भगवान विष्णु के रूप में पेश होकर हिन्दू देवता के कथित 'अपमान' के लिए अपने खिलाफ दायर मामले को चुनौती दी है। इस विशेष अनुमति याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई, जिसने बेंगलुरु में निचली अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही को खारिज करने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले महीने कहा था, 'धोनी जैसे क्रिकेटर और सेलेब्रिटी को लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के परिणामों से अवगत होना चाहिए। उन्हें इस तरह के विज्ञापन करने के परिणाम पता होने चाहिए।'
सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हीरेमठ ने आरोप लगाया था कि धोनी एक कारोबारी पत्रिका के मुखपृष्ठ पर भगवान विष्णु के रूप में नजर आ रहे हैं और उनके हाथ में एक जूता सहित कई चीजें मौजूद हैं। हाई कोर्ट ने कहा था, 'ये सेलेब्रिटी बिना किसी जिम्मेदारी के विज्ञापनों के अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। उनका उद्देश्य इसको लेकर पैदा होने वाली संभावित समस्या के बारे में सोचे-समझे बिना केवल आसानी से धन अर्जित करना है।' (इनपुट भाषा से)
उल्लेखनीय है कि धोनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें एक पत्रिका के मुखपृष्ठ पर भगवान विष्णु के रूप में पेश होकर हिन्दू देवता के कथित 'अपमान' के लिए अपने खिलाफ दायर मामले को चुनौती दी है। इस विशेष अनुमति याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई, जिसने बेंगलुरु में निचली अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही को खारिज करने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले महीने कहा था, 'धोनी जैसे क्रिकेटर और सेलेब्रिटी को लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के परिणामों से अवगत होना चाहिए। उन्हें इस तरह के विज्ञापन करने के परिणाम पता होने चाहिए।'
सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हीरेमठ ने आरोप लगाया था कि धोनी एक कारोबारी पत्रिका के मुखपृष्ठ पर भगवान विष्णु के रूप में नजर आ रहे हैं और उनके हाथ में एक जूता सहित कई चीजें मौजूद हैं। हाई कोर्ट ने कहा था, 'ये सेलेब्रिटी बिना किसी जिम्मेदारी के विज्ञापनों के अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। उनका उद्देश्य इसको लेकर पैदा होने वाली संभावित समस्या के बारे में सोचे-समझे बिना केवल आसानी से धन अर्जित करना है।' (इनपुट भाषा से)
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