यह ख़बर 25 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सन टीवी ने खरीदी आईपीएल की हैदराबाद टीम

खास बातें

  • सन टीवी नेटवर्क ने 85.05 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के दाम पर आईपीएल की हैदराबाद फ्रेंचाइजी खरीद ली है। इसी के साथ डेक्कन चार्जर्स का फ्रेंचाइजी अनुबंध रद्द होने के बाद शुरू हुई नई टीम खोजने की प्रक्रिया पूरी हो गई।
मुंबई:

24 जनवरी, 2008- हैदराबाद की आईपीएल टीम कहलाई डेक्कन चार्जर्स, लेकिन 25 अक्टूबर, 2012 यानी पांच साल में टीम का मालिक बदल गया। सन टीवी नेटवर्क ने 85.05 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के दाम पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की हैदराबाद फ्रेंचाइजी खरीद ली है। इसी के साथ डेक्कन चार्जर्स का फ्रेंचाइजी अनुबंध रद्द होने के बाद शुरू हुई नई टीम खोजने की प्रक्रिया पूरी हो गई।

आईपीएल संचालन परिषद ने गुरुवार को मुंबई में बैठक करके नई आईपीएल फ्रेंचाइजी की नीलामी शुरू की और सन टीवी की बोली सबसे ज्यादा पाई गई। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने एक बयान में कहा कि सन टीवी नेटवर्क ने 85.05 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के दाम पर हैदराबाद फ्रेंचाइजी खरीद ली। जगदाले ने कहा कि सन टीवी नेटवर्क की बोली पीवीपी वेंचर्स की बोली 69.03 करोड़ रुपये से ज्यादा पाई गई।

हैदराबाद की टीम ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे। पहले तीन साल तक उसे एडम गिलक्रिस्ट जैसा कप्तान और एंड्रयू साइमंड्स, वीवीएस लक्ष्मण, हर्शल गिब्स, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी मिले, फिर भी 2008 में टीम अंक-तालिका में सबसे नीचे रही। 2009 में टीम चैंपियन बनी, जबकि 2010 में उसे चौथा स्थान मिला।

2011 में टीम में व्यापक बदलाव हुआ, कैमरून व्हाइट, जेपी ड्युमिनी, इशांत शर्मा, डेल स्टेन और कप्तान के तौर पर कुमार संगकारा टीम में आए, लेकिन आरपी सिंह, रोहित शर्मा, एंड्र्यू साइमंड्स और एडम गिलक्रिस्ट टीम से चले गए। इससे हालत खराब हुई और टीम सातवें स्थान पर रही। 2012 में हैदराबाद की टीम आठवें नंबर पर रही। इसके बाद आर्थिक तंगी ने टीम को दूसरी नीलामी के दर पर खड़ा कर दिया।

13 सितंबर को नीलामी हुई, जिसमें पीवीपी वेंचर्स ने इकलौती बोली लगाई, लेकिन सूत्रों के मुताबिक 900 करोड़ की रकम को डेक्कन चार्जर्स ने ठुकरा दिया। 15 सितंबर को डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध रद्द होने के बाद बीसीसीआई ने नई आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए निविदा जारी की थी, लेकिन टीम की मालिकाना कंपनी डीसीएचएल ने इस फैसले को बंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

डेक्कन चार्जर्स डोल्डिंग्स लिमिटेड के 12 अक्टूबर शाम पांच बजे तक सौ करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भरने में नाकाम रहने पर हाईकोर्ट ने बीसीसीआई के पक्ष में फैसला सुनाया था। पंचाट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने फिर बीसीसीआई के पक्ष में फैसला सुनाया। डीसीएचएल ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

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(इनपुट भाषा से भी)