जस्टिस लोढ़ा और अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा पैनल के करीबी सूत्र ने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के का हठी रवैया इंग्लैंड की पूरी सीरीज को खतरे में डाल रहा है. बीसीसीआई ने लेखा परीक्षक की नियुक्ति नहीं होने का हवाला देते हुए अभी तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के साथ वित्तीय पहलुओं से संबंधित समझौता पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
लेकिन सूत्र ने स्पष्ट किया कि यदि ठाकुर और शिर्के अपनी अनुपालन रिपोर्ट जमा नहीं करते हैं और व्यक्तिगत रूप से पैनल के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो इंग्लैंड टेस्ट सीरीज अधर में लटकी रहेगी.
सूत्र ने बताया कि लोढ़ा पैनल अब भी ठाकुर और शिर्के से हलफनामे का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, ''अध्यक्ष और सचिव को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार दो सप्ताह के अंदर हलफनामे पेश करने हैं और फिर समिति के समक्ष उपस्थित होना है. उन्होंने इनमें से कुछ नहीं किया. बीसीसीआई अध्यक्ष को शपथ पत्र भी पेश करना था. यह भी नहीं किया गया है. इन सबकी गैर मौजूदगी में ठाकुर और शिर्के ने इंग्लैंड दौरे को खतरे में डाल दिया है.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेकिन सूत्र ने स्पष्ट किया कि यदि ठाकुर और शिर्के अपनी अनुपालन रिपोर्ट जमा नहीं करते हैं और व्यक्तिगत रूप से पैनल के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो इंग्लैंड टेस्ट सीरीज अधर में लटकी रहेगी.
सूत्र ने बताया कि लोढ़ा पैनल अब भी ठाकुर और शिर्के से हलफनामे का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, ''अध्यक्ष और सचिव को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार दो सप्ताह के अंदर हलफनामे पेश करने हैं और फिर समिति के समक्ष उपस्थित होना है. उन्होंने इनमें से कुछ नहीं किया. बीसीसीआई अध्यक्ष को शपथ पत्र भी पेश करना था. यह भी नहीं किया गया है. इन सबकी गैर मौजूदगी में ठाकुर और शिर्के ने इंग्लैंड दौरे को खतरे में डाल दिया है.''
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