मुथैया मुरलीधरन टेस्ट विकेट के मामले में आज भी नंबर वन गेंदबाज हैं (फाइल फोटो)
कोलंबो: टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन का कहना है कि पिछले दो दशक में ऑस्ट्रेलिया पर श्रीलंका की पहली जीत ने साबित कर दिया है कि दिग्गजों के संन्यास लेने के बाद भी श्रीलंका में प्रतिभाओं की कमी नहीं है.
गाले में गुरुवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट से पहले मुरलीधरन ने कहा कि बल्लेबाज कुशल मेंडिस और स्पिनर लक्षण सांदकान ने नये होने के बावजूद पहले टेस्ट में मिली जीत में अहम भूमिका निभाई. मुरलीधरन ऑस्ट्रेलियाई कोचिंग टीम का हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने मेंडिस के प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताई.
उन्होंने कहा ,‘‘हमारे यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. इन दोनों युवा खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल है.’’ उन्होंने हालांकि कहा कि इन्हें अजंता मेंडिस के टेस्ट कैरियर से सबक लेना चाहिए, जो अच्छी शुरुआत के बाद उस लय को कायम नहीं रख सके.
उन्होंने कहा, ‘‘ अजंता मेंडिस को देखिए. उसने शुरुआत में काफी विकेट लिए, लेकिन कुछ सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद उस पर दबाव बना और वह रक्षात्मक खेल दिखाने लगा. आज वह कहीं नहीं है.’’